- सुलगते जंगलों पर सुप्रीम कोर्ट ने उठाए सवाल
- आग रोकने में उत्तराखंड सरकार का रवैया उदासीन
- सुप्रीम कोर्ट ने धामी सरकार से पूछे कई सवाल
- ‘राज्य सरकार का रवैया त्वरित कार्रवाई का नहीं दिखा’
नई दिल्ली : जंगल की आग को रोकने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से कड़ी नाराजगी जाहिर की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, यह कहते हुए हमें कष्ट हो रहा है कि जंगल की आग कंट्रोल करने के मामले में राज्य सरकार का रवैया उदासीन रहा है। अदालत ने कहा, आपने हमें सब्जबाग दिखाए, जबकि स्थति कहीं ज्यादा भयावह है। 280 जगहों पर जंगलों में आग लगी है। कोर्ट ने राज्य के चीफ सेक्रेटरी को 17 मई को निजी तौर पर पेश होने का निर्देश दिया।
‘आग बुझाने के लिए भरपूर वर्कफोर्स मुहैया कराई जाए’
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उत्तराखंड सरकार जंगल में लगी आग बुझाने में गंभीरता और शीघ्रता दिखाए। राज्य सरकार का रवैया त्वरित कार्रवाई का नहीं दिखा। वन विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी चुनाव और चारधाम यात्रा में न लगाई जाए। आग बुझाने के लिए भरपूर वर्कफोर्स मुहैया कराई जाए। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में वन विभाग में बड़ी संख्या में वैकेंसी का मुद्दा भी उठाया और कहा कि खाली पदों पर भर्तियां जल्द की जाएं। शीर्ष अदालत उत्तराखंड के जंगलों में आग की घटनाओं को लेकर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी।