देहरादून: इस बार 3 मई को अक्षय तृतीया मनाई जाएगी। अक्षय तृतीया का दिन सालभर की शुभ तिथियों की श्रेणी में आता है। 3 मई को अक्षय तृतीया मनाई जाएगी। वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनायी जाने वाली इस अक्षय तृतीया को आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। अक्षय तृतीया का दिन सालभर की शुभ तिथियों की श्रेणी में आता है। इस दिन त्रेता युग का आरंभ भी माना जाता है। इस दिन सुबह स्नान करके माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करना चाहिए। ऐसा करने से घर में समृद्धि आती है। कहते हैं अक्षय तृतीया के दिन किए गए कार्यों से अक्षयों फलों की प्राप्ति होती है।
शुभ कार्यों या दान-पुण्य के अलावा इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण और पिंडदान करने का भी महत्व है। इस दिन पितरों के लिए घट दान, यानी जल से भरे हुए मिट्टी के बर्तन का दान जरूर करना चाहिए। गर्मी के इस मौसम में जल से भरे घट दान से पितरों को शीतलता मिलती है और आपके ऊपर उनका आशीर्वाद बना रहता है।
अगर आप अपने करियर में सफलता के शिखर पर पहुंचना चाहते हैं, तो अक्षय तृतीया के दिन आपको विष्णु भगवान को चन्दन का टुकड़ा अर्पित करना चाहिए और उनका आशीर्वाद लेना चाहिए। ऐसा करने से आप करियर में सफलता के शिखर पर पहुंचेंगे। अगर आप दाम्पत्य जीवन में अपने प्यार को अक्षय बनाये रखना चाहते हैं, तो इस दिन आपको साफ जल में थोड़ा-सा गंगाजल और चन्दन की खुशबू डालकर श्री विष्णु को अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से आपके दाम्पत्य जीवन में अक्षय रूप से प्यार बना रहेगा।
अगर आप विद्या के क्षेत्र में उन्नति पाना चाहते हैं, तो इस दिन श्री विष्णु भगवान को चन्दन का तिलक लगाएं। उसके बाद स्वयं भी अपने मस्तक पर चन्दन का तिलक लगाएं। लेकिन यहां ध्यान रहे कि भगवान को तिलक लगाते समय अपने दायें हाथ की अनामिका , यानि तीसरे उंगली का उपयोग करना चाहिए और स्वयं को तिलक लगाते समय अपनी मध्यमा उंगली, यानि दूसरी उंगली का उपयोग करना चाहिए। ऐसा करने से विद्या के क्षेत्र में आपकी उन्नति होगी।
अगर आप अपने घर की सुख-समृद्धि को बरकरार रखना चाहते हैं या कहें उसे अक्षय करना चाहते हैं, तो इस दिन आपको विष्णु मन्दिर में एक चन्दन की खुशबू वाला धूपबत्ती का पैकेट दान करना चाहिए और उसी पैकेट में से एक धूपबत्ती निकालकर भगवान के आगे जलानी चाहिए और हाथ जोड़कर भगवान को प्रणाम करना चाहिए। ऐसा करने से आपके घर की सुख-समृद्धि अक्षय बनी रहेगी।
क्यो कि अक्षय तृतीया का पर्व इस साल 3 मई, मंगलवार को मनाया जाएगा इस दिन शादी, शुभ काम , खरीदारी करने के लिए अबूझ मुहूर्त होता है । इस दिन किए गए शुभ काम जीवन में सुख-समृद्धि लाते हैं और खूब लाभ देते हैं। इसलिए
नए काम शुरू करने के लिए अक्षय तृतीया को बहुत खास माना गया है अक्षय तृतीया को बहुत शुभ दिन माना गया है इसलिए इस दिन ऐसे कोई काम नहीं करने चाहिए, जो अशुभ माने जाये । अक्षय तृतीया के दिन खाली हाथ घर न आएं। कुछ न कुछ खरीदी अवश्य करें। यदि सोना-चांदी नहीं खरीद सकें तो निराश होने की जरूरत नहीं है।
इस दिन जौ, मिट्टी के बर्तन, पीतल आदि भी खरीद सकते हैं। इनकी खरीदी भी बहुत शुभ मानी गई है ।
अक्षय तृतीया के दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। पूजा में भगवान विष्णु को तुलसी अर्पित करें लेकिन ध्यान रखें कि तुलसी को ना तो नाखूनों से तोड़ें और ना ही बिना नहाए छुएं।
अक्षय तृतीया के दिन कभी भी मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की अलग-अलग पूजा करने की गलती न करें, हमेशा उनकी एक साथ पूजा करें वरना इनकी नाराजगी जिंदगी को तबाह कर सकती है । अक्षय तृतीया के दिन घर के किसी भी हिस्से में अंधेरा न रहने दें और ना ही गंदगी रहने दें इस दिन घर को साफ करके हर जगह रोशनी करें। तुलसी कोट में दीपक जरूर लगाएं। इसके अलावा शाम को मुख्य द्वार पर घी का दीपक भी जलाएं ।
अक्षय तृतीया के दिन तामसिक भोजन न करें, ब्रह्मचर्य का पालन करें। ना ही किसी के लिए मन में बुरे विचार लाएं । इस दिन दान अवश्य करें , खासतौर पर कोई गरीब व्यक्ति कुछ मांगे तो उसे खाली हाथ ना जाने दें। उसे, भोजन, कपड़े, पैसे कुछ भी दान जरूर करें ।