चंडीगढ़: हरियाणा में नायब सिंह सैनी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके साथ कैबिनेट मंत्रियों ने भी शपथ ली. वहीं, अनिल विज ने भी मंत्री पद की शपथ ली. अंबाला कैंट से बीजेपी विधायक अनिल विज ने सीएम सैनी के बाद दूसरे नंबर पर शपथ ली. अनिल विज अंबाला कैंट से विधायक हैं. वह इससे पहले भी राज्य सरकार में गृह और स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं. 70 के दशक में संघ से जुड़े विज पंजाबी बिरादरी से आते हैं. वे लगातार सातवीं बार विधायक बने हैं.
सीएम ने विज को खिलाया लड्डू : सचिवालय में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कैबिनेट मंत्री अनिल विज को उनके कमरे में पदभार ग्रहण करवाया. सीएम सैनी ने इस दौरान अनिल विज का मुंह भी मीठा करवाया. इसके बाद विज ने भी सीएम सैनी और उनके साथ अपने स्टाफ को भी लडडू खिलाए. इस दौरान अनिल विज ने कहा कि भाजपा के हर कार्यकर्ता का दायित्व और जिम्मेदारी है कि वह प्रदेश के उत्थान और लोगों के कल्याण के लिए कार्य करें.
“हम काम करने वाली संस्कृति के लोग हैं” : अनिल विज ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि यह पहली बार है जब किसी सरकार ने सकारात्मकता के आधार पर काम किया और जिसे लोगों ने सराहा है. तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार प्रदेश में बनी है और यह इसी आधार पर बनी है क्योंकि हम काम करने वाली संस्कृति के लोग हैं. हमने यह एक इतिहास बनाया है कि तीसरी बार किसी पार्टी की लगातार सरकार बनी है.
“पोर्टफोलियो मायने नहीं रखता” : पोर्टफोलियो दिए जाने के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पोर्टफोलियो कोई ज्यादा मायने नहीं रखता. मैं तो मंत्री हूं, तो ना भी होता, तो विधायक होता. विधायक नहीं होता तो भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता होता. उन्होंने कहा कि जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार आ गई है तो भारतीय जनता पार्टी के हर कार्यकर्ता का दायित्व और जिम्मेदारी है कि वह प्रदेश के उत्थान और लोगों के कल्याण के लिए कार्य करें.
मंत्रिमंडल की बैठक में ये हुई चर्चा : मंत्रिमंडल की बैठक के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आज मंत्रिमंडल की पहली बैठक में हमने कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की है. धान के सही से उठान और किसानों को फसल की उपज का सही भुगतान पर चर्चा हुई, ताकि किसी भी प्रकार से किसानों को कोई दिक्कत ना आए. इसी प्रकार, डीएपी खाद के विषय पर विचार किया गया है कि डीएपी खाद की कमी किसी प्रकार से ना हो और खाद किसानों को निरंतर रूप से मिलती रहे. इसके अलावा, एससी व बीसी कमीशन के प्रस्ताव एससी आरक्षण में वर्गीकरण पर भी विचार किया गया.
“कहां थी एंटी इनकंबेंसी ?” : अनिल विज ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि हमारे विरोधी जो रोज रात को मुख्यमंत्री बनकर सोते थे, कई-कई फुट उछलते थे कि एंटी इनकंबेंसी है. कहां एंटी इनकंबेंसी थी?. हमारी प्रो इनकंबेंसी थी. लोगों को लगा कि ये काम करने वाली सरकार है, इसलिए हम वापस लौटे.