स्नातक स्तरीय परीक्षा के रद्द होने की संभावना
मुख्यमंत्री ने कहा, अभ्यर्थियों के हित में होगा निर्णय
Uksssc के संभावित आदेश पर टिकी निगाहें
सीबीआई जांच की संस्तुति, परीक्षाओं की पारदर्शिता पर सरकार प्रतिबद्ध
देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 21 सितंबर 2025 को आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा रद्द होने की संभावना है। प्रतियोगी परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित एकल सदस्यीय ध्यानी जांच आयोग ने शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंपी। आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यू.सी. ध्यानी ने जनसुनवाई के जरिए अभ्यर्थियों से बात की थी।
सरकार जल्द ही इस रिपोर्ट को अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष को भेजेगी। रिपोर्ट की संस्तुतियों के आधार पर आयोग स्नातक स्तरीय परीक्षा के बाबत फैसला लेगा।

उल्लेखनीय है कि युवाओं के आंदोलन के बाद धामी सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश के अलावा एकल सदस्यीय जॉच आयोग का गठन किया था। अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी ने हल्द्वानी,टिहरी ,देहरादून व अन्य स्थानों में सुनवाई कर युवा अभ्यर्थियों के तर्क सुने थे।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आयोग ने अल्प समय में अधिकतम जनसुनवाई कर अभ्यर्थियों और संबंधित पक्षों से सुझाव प्राप्त किए हैं, जो सराहनीय है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार रिपोर्ट का परीक्षण कर अभ्यर्थियों के हित में निर्णय लेगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रकरण की सीबीआई जांच की संस्तुति पहले ही की जा चुकी है, ताकि जांच की पूरी निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि सरकार परीक्षाओं की शुचिता, पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी भर्ती परीक्षा में अनियमितता की कोई संभावना न रहे और अभ्यर्थियों व अभिभावकों का विश्वास राज्य की परीक्षा प्रणाली पर बना रहे।
शुक्रवार को भाजपा विधायकों ने भी सीएम को परीक्षा रद्द करने की मांग की थी। उम्मीद है कि आयोग जल्द ही स्नातक स्तरीय परीक्षा को रद्द करने सम्बन्धी आदेश जारी करेगा।
पेपर लीक कांड में पुलिस ने हाकम सिंह, खालिद समेत अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था। दूसरी ओर, युवाओं ने दून समेत प्रदेश के अन्य स्थानों में प्रदर्शन कर अपना प्रबल विरोध दर्ज कराया था।