हल्द्वानी/ देहरादून: उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के अष्टम दीक्षांत समरोह में राज्यपाल (रि.) लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने 21 छात्रों को विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक, दो छात्रों को कुलाधिपति स्वर्ण पदक एवं तीन प्रायोजक स्वर्ण पदक प्रदान किये। इसके साथ ही पांच छात्रों को पीएचडी की उपाधि तथा विभिन्न विद्याशाखाओ में 15417 को स्नातक और स्नाकोत्तर की उपाधि प्रदान की गई। इस दौरान राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने मुक्त विश्वविद्यालय के कॉसैप्ट की सराहना की, साथ ही उन्होंने सभी छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार ने तीन बड़े कदम उठाये हैं जिसमें प्रत्येक छात्र-छात्राओं का अब डीजी लॉकर के माध्यम से डिग्रियां दी जायेगी। दूरस्थ शिक्षा में एडमिशन लेने वाले छात्र-छात्राओं को निःशुल्क पुस्तकें वितरित की जायेंगी। परीक्षा परिणाम समय पर घोषित हों इसके लिये प्रत्येक विश्वविद्यालयों में केन्द्रीय मूल्यांकन व्यवस्था लागू की जायेगी इसके लिये पीएम-रूसा से तहत विश्वविद्यालयों को 20-20 करोड़ की धनराशि आवंटित की जायेगी।
उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के आठवें दीक्षांत समारोह को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुये विश्वविद्यालय के कुलाधिपति व राज्यपाल (रि.) लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि ओपन यूनिवर्सिटी डिस्टेंस एजूकेशन में बेहतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है, कि बेटियों ने एक बार फिर से अव्वल काम किया है। उन्होंने नई शिक्षा प्रणाली को बेहतर ढंग से लागू करने और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्यों को पूरा करने का छात्र-छात्राओं से आहवान किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड छात्र-छात्राओं व शिक्षकों को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। कहा कि उच्च शिक्षा उत्तराखंड में एक सेतु का काम कर रही है।
दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुये प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि सरकार प्रदेश में परिणाम आधारित गुणवत्तापरक शिक्षा के लिये दृढ़ संकल्पित है। इसके लिये सरकार ने उच्च शिक्षा के अंतर्गत विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में एक प्रदेश, एक प्रवेश, एक परीक्षा, एक परिणाम, एक दीक्षांत व एक चुनाव का कॉसेप्ट लागू किया है। जिसके नतीजे सामने आने लगे हैं। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार ने तीन बड़े निर्णय लिये हैं जिसमें विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को अब डीजी लॉकर के माध्यम से शैक्षिक प्रमाण पत्र दिये जायेंगे इससे छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालयों के अनावश्यक चक्कर नहीं काटने पड़ें और उनका समय भी बर्बाद नहीं होगा। उन्होंने कहा कि समय पर परीक्षा परिणाम घोषित हो सके इसके लिये प्रत्येक विश्वविद्यालय में केन्द्रीय मूल्यांकन की व्यवस्था की जायेगी। इसके लिये विश्वविद्यालयों को पीएम-रूसा के तहत 20-20 करोड़ की धनराशि आवंटित की जायेगी। डॉ. रावत ने कहा कि इससे विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों की शैक्षिक गतिविधियों में सुधार होगा और शिक्षण संस्थानों में 180 दिवस पढ़ाई हो सकेगी। इसके अलावा राज्य सरकार ने दूरस्थ शिक्षा में एडमिशन लेने वाले छात्र-छात्राओं को निःशुल्क पुस्तक उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। शिक्षा मंत्री डॉ. रावत ने कहा कि प्रदेश में शैक्षिक कैलेण्डर में समानता लाने के लिये विद्यालयी शिक्षा विभाग के अंतर्गत अभी से 10वीं व 12वीं कक्षाओं की बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम घोषित करने की तिथि 30 अप्रैल 2024 नियत कर दी गई है, ताकि छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिय समय पर अवेदन कर सके।
इस अवसर पर यूओयू के कुलपति ओपीएस नेगी, लालकुआं विधायक मोहन सिंह बिष्ट, नैनीताल विधायक सरिता आर्या, भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा, निवर्तमान मेयर जोगेन्द्र पाल सिंह रौतेला, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, समेत कई लोग मौजूद रहे। इस दौरान कुमाऊँ आयुक्त दीपक रावत, पुलिस उपमहानिरीक्षक कुमाऊँ डॉ. योगेंद्र रावत, जिलाधिकारी नैनीताल वंदना सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल प्रहलाद नारायण मीणा सहित कई प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।