उत्तरकाशी(उत्तराखंड): गंगोत्री धाम के कपाट छह माह शीतकाल के लिए अन्नकूट पर्व पर अभिजीत मूहूर्त में पूर्वाहन 11 बजकर 36 मिनिट पर विधिविधान के साथ बंद कर दिए गए हैं. सेना के बैंड एवं पारंपरिक वाद्ययंत्रों की स्वरलहरियों तथा गंगा मम्या की जय के उद्घोष के साथ गंगा जी की डोली यात्रा के साथ अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव के लिए रवाना हुई. इसके बाद अब मां गंगा की उत्सव डोली 6 महीने मुखबा गांव में प्रवास करेगी.
बुधवार सुबह से ही गंगोत्री धाम में अनुष्ठानों का दौर शुरू हो गया था. तीर्थ पुरोहितों ने घाट पर गंगा जी का अभिषेक और आरती तथा मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की. हर्षिल से अर्मी सेना के जवानों ने यहां निशुल्क मेडिकल कैंप तथा लंगर लगाकर श्रद्धालुओं की सेवा की.
यह मुहूर्त के अनुसार पूर्वाहन 11 बजकर 36 मिनट गंगोत्री मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए. इसके साथ ही यहां से गंगा जी की भोग मूर्ति डोली यात्रा के साथ मुखबा के लिए रवाना हुई. इस दौरान पर शीतकाल में भी गंगोत्री धाम में ही साधनारत रहने वाले साधु संतो तथा मंदिर, आश्रम व होटलों की देखरेख करने वाले कर्मचारियों ने गंगा जी को विदाई दी.


कपाट बंद होने के बाद भी जलता रहता है अखंड दीपक: गंगोत्री धाम के कपाट भले बंद हो जाएंगे, लेकिन यहां तांबे के एक बड़े दीपक में अखंड जोत जलती रहेगी. मंदिर समिति के अध्यक्ष धर्मानंद सेमवाल बताते हैं कि मंदिर में ताबे का एक बहुत बड़ा दीपक बना हुआ है. उसमें तेल भरकर व अखंड जोत जलाकर जाते हैं, जब अगले वर्ष अक्षय तृतीय पर धाम के कपाट खुलेंगे तो वह अखंड जोत जलती हुई मिलती है. कपाट खुलने पर तीर्थयात्रियों को अखंड जोत के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होता है.

मुखबा के लिए रवाना हुई मा गंगा की डोली
चारधाम के कपाट बंद की तिथियां-
- गंगोत्री धाम के कपाट 22 अक्टूबर को सुबह 11:36 बजे बंद
- केदारनाथ धाम के कपाट 23 अक्टूबर को सुबह 8:30 बजे बंद किए जाएंगे.
- यमुनोत्री धाम के कपाट भी इसी दिन यानी 23 अक्टूबर को दोपहर 12:30 बजे शीतकाल के लिए बंद होंगे
- बदरीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर को बंद कर दिए जाएंगे.