केंद्रीय टीम ने तात्कालिक सहायता राशि देने के राज्य सरकार के प्रयास की सराहना की
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बुधवार को भारत सरकार की अंतर-मंत्रालयी टीम ने भेंट कर उत्तराखंड में हालिया आपदाओं से हुए नुकसान का जायजा लिया। टीम ने प्रभावित जिलों के भ्रमण के बाद राज्य सरकार द्वारा संचालित राहत कार्यों को सराहनीय बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड आपदा की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील राज्य है। मानसून के दौरान यहां अतिवृष्टि, भूस्खलन, बाढ़ और जलभराव की गंभीर समस्याओं से जूझना पड़ता है। उन्होंने कहा कि भूस्खलन से स्थायी नुकसान होता है, जिससे प्रभावित भूमि का दोबारा उपयोग संभव नहीं हो पाता। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों के सहयोग से पूर्वानुमान प्रणाली को और अधिक सशक्त बनाने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस वर्ष अतिवृष्टि के कारण कई क्षेत्रों में जनहानि के साथ ही भारी संपत्ति नुकसान हुआ है। पर्वतीय क्षेत्रों में बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं से जमीन का स्थाई नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में प्रभावी कार्ययोजना पर काम करना आवश्यक है।
गृह मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त सचिव आर. प्रसन्ना के नेतृत्व में अंतर-मंत्रालयी टीम ने उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, पौड़ी गढ़वाल, चमोली, बागेश्वर और नैनीताल जिलों में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। टीम के अन्य सदस्यों में अनु सचिव शेर बहादुर, अधीक्षण अभियंता सुधीर कुमार, उप निदेशक विकास सचान, मुख्य अभियंता पंकज सिंह और निदेशक डॉ. वीरेन्द्र सिंह शामिल रहे।
टीम ने आपदा प्रभावितों से बातचीत कर बताया कि राहत शिविरों में रहने, भोजन, चिकित्सा और अन्य मूलभूत सुविधाओं की बेहतर व्यवस्था की गई है। मृतकों के परिजनों और पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त मकान मालिकों को पाँच लाख रुपये की तात्कालिक सहायता राशि देने की पहल को भी सराहा गया।
टीम ने यह भी उल्लेख किया कि राज्य में सभी गर्भवती महिलाओं का संपूर्ण डाटा जिला प्रशासन के पास उपलब्ध है और उनके स्वास्थ्य एवं सुरक्षित प्रसव के लिए निरंतर संपर्क बनाए रखा जा रहा है। इसे अन्य राज्यों के लिए भी अनुकरणीय पहल बताया गया।
इस अवसर पर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, अपर मुख्य सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी आनन्द स्वरूप उपस्थित रहे।