उपद्रवियों से क्षति की वसूली विधेयक पर अब लगेगी सदन की मुहर; 6 से ज्यादा विधेयक पेश कर सकती है सरकारपूर्व में सरकार अध्यादेश लाई थी। इसके तहत नगर निकायों में ओबीसी आरक्षण का नए सिरे से निर्धारण करने के साथ ही निकायों में चुनाव लडऩे के लिए दूसरी संतान जुड़वां होने पर उसे एक इकाई मानने और आरोप लगने पर निकायों के अध्यक्षों के अधिकार से संबंधित संशोधन किए गए हैं।इसके अलावा खेल विश्वविद्यालय विधेयक वन पंचायत अधिनियम में संशोधन विधेयक भी सदन में पेश किए जा सकते हैं।
ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा भवन में 21 अगस्त से प्रारंभ होने वाले मानसून सत्र की अवधि भले ही कम हो, लेकिन विधायी कार्यों की दृष्टि से यह महत्वपूर्ण रहेगा। सत्र में सरकार की ओर से अनुपूरक बजट समेत आधा दर्जन से ज्यादा विधेयक पेश किए जा सकते हैं।
इनमें लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक भी है। पूर्व में सरकार इस संबंध में अध्यादेश लाई थी, जिसे अब विधेयक के रूप में सदन से पारित कराकर कानूनीजामा पहनाया जाएगा।
21 से 23 मानसून सत्र
इसमें हड़ताल, बंद, दंगा एवं विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक व निजी संपत्ति को क्षति पहुंचाने वालों से नुकसान की वसूली का प्रविधान है। यही नहीं, किसी की मृत्यु होने की दशा में कानूनी धाराएं तो लगेंगी ही, क्षतिपूर्ति की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी। वहीं, सत्र के लिए विधायकों द्वारा अभी तक 488 प्रश्न लगाए जा चुके हैं।
गैरसैंण में गत वर्ष बजट सत्र के बाद से कोई सत्र नहीं हुआ है। अब सरकार ने इस वर्ष वहां 21 से 23 अगस्त तक मानसून सत्र आयोजित करने का निर्णय लिया है। मानसून सत्र में नगर पालिका अधिनियम व नगर निगम अधिनियम संशोधन विधेयक भी पेश किए जाएंगे
संशोधन को लेकर भी हो सकती है चर्चा
इन्हें लेकर पूर्व में सरकार अध्यादेश लाई थी। इसके तहत नगर निकायों में ओबीसी आरक्षण का नए सिरे से निर्धारण करने के साथ ही निकायों में चुनाव लडऩे के लिए दूसरी संतान जुड़वां होने पर उसे एक इकाई मानने और आरोप लगने पर निकायों के अध्यक्षों के अधिकार से संबंधित संशोधन किए गए हैं।
इसके अलावा खेल विश्वविद्यालय विधेयक, वन पंचायत अधिनियम में संशोधन विधेयक भी सदन में पेश किए जा सकते हैं। यही नहीं, 13 अगस्त को होने वाली कैबिनेट की बैठक में भी कुछ विधेयकों को स्वीकृति दी जा सकती है। उधर, सत्र के लिए विधायकों द्वारा प्रश्न लगाने का उत्साह देखते ही बनता है। अभी तक 488 प्रश्न विधायक लगा चुके हैं और प्रश्न लेने का क्रम अभी बना हुआ है।