भ्रामक विज्ञापनों पर सख्ती और निगरानी तंत्र की मजबूती पर ज़ोर, पीसीपीएनडीटी अधिनियम पर राज्य स्तरीय कार्यशाला संपन्न
स्वाति भदौरिया ने जनपद स्तर पर निगरानी तंत्र सशक्त करने के दिए निर्देश, अल्ट्रासाउंड केंद्रों की निगरानी तथा पारदर्शी रिपोर्टिंग पर विशेष ध्यान देने की बताई आवश्यकता
कार्यशाला में भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से निदेशक डॉ. इन्द्राणी दास (पीसीपीएनडीटी) ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, सोशल मीडिया साइट्स तथा अन्य ऑनलाइन माध्यमों पर लिंग चयन से संबंधित भ्रामक विज्ञापनों के बढ़ते चलन पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने पीसीपीएनडीटी अधिनियम, 1994 तथा सूचना एवं प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करने हेतु जागरूकता और प्रचार-प्रसार बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस अवसर पर भारत सरकार से डॉ. पद्मनी कश्यप (डिप्टी कमिश्नर, पीसीपीएनडीटी), श्री वैभव पाठक (सलाहकार) सहित उत्तराखंड राज्य के स्वास्थ्य विभाग से डॉ. सुनीता टम्टा (महानिदेशक), डॉ. सी.पी. त्रिपाठी (निदेशक एवं राज्य समुचित प्राधिकारी), डॉ. जे.एस. बिष्ट (राज्य नोडल अधिकारी), डॉ. उमा रावत (एनएचएम) सहित विभिन्न जिलों से आए मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं जिला समन्वयक उपस्थित रहे।