देहरादून: उत्तराखंड में एक बार फिर अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच प्रोटोकॉल विवाद चर्चा में है। मामला उस समय गरमाया जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के स्वागत कार्यक्रम के दौरान जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंचे विधायकों और सांसदों को अधिकारियों के रवैये का सामना करना पड़ा।
सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रपति के स्वागत के लिए जहां विधायक और सांसदों को बस में बैठाकर विशेष विमान तक ले जाया गया, वहीं वरिष्ठ अधिकारी अपने वाहनों से सीधे एयरपोर्ट के भीतर प्रवेश कर गए। इस घटना से नाराज़ जनप्रतिनिधियों ने मौके पर ही अधिकारियों को खरी-खोटी सुनाई और मुख्यमंत्री से इसकी शिकायत दर्ज कराई।
घटना की पुष्टि खुद प्रदेश के प्रोटोकॉल मंत्री सौरभ बहुगुणा ने की है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं और सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जनप्रतिनिधियों को पूर्ण सम्मान और प्रोटोकॉल के अनुरूप व्यवहार किया जाए।
यह कोई पहला मामला नहीं है जब प्रदेश में अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों को नजरअंदाज करने की शिकायतें सामने आई हों। इससे पहले भी कई बार मंत्री, विधायक और यहां तक कि विधानसभा अध्यक्ष को भी इस तरह की स्थितियों का सामना करना पड़ा है।
अब एक बार फिर यह मुद्दा सुर्खियों में है और सरकार के भीतर अधिकारियों की कार्यप्रणाली बनाम जनप्रतिनिधियों के सम्मान को लेकर बहस तेज हो गई है।
सरकार की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को प्रोटोकॉल नियमों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश जारी किए जा रहे हैं।


