देहरादून: सैनिक कल्याण मंत्री, गणेश जोशी चकराता के रामताल मैदान में शहीद केसरी चन्द जी के 77वें शहीदी दिवस के अवसर पर आयोजित विशाल नागरिक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग करने तथा वीर केसरी चन्द को श्रृद्धासुमन अर्पित करने पहुंचे। इस अवसर पर आयोजित विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए सैनिक कल्याण मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड वीरों और बलिदानियों की भूमि है। चाहे प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध में अपने पराक्रम के प्रदर्शन का सवाल हो, या आजादी के आंदोलन में अपना प्राण-प्रण निछावर करने की कसौटी, चाहे देश की सीमाओं की सुरक्षा करते हुए 71 के युद्ध, 62 के युद्ध की बात हो, चाहे गलवान घाटी का जिक्र हो या ताज होटल पर हमले का मुंहतोड़ जवाब देने का मामला हो हर बार इस राज्य के किसी ना किसी लाल ने अपनी जान की बाजी लगा कर इस राज्य की वीरता को साबित किया है। उन्होंने कहा कि शहीदों को वापस नहीं लाया जा सकता। यह एक कटु सत्य है, परंतु उनकी वीरता को अमरत्व प्रदान किया जा सकता है, उन वीरों की शहादत को उचित सम्मान दे कर, वीरों के बलिदानों से राष्ट्र को प्रेरणा जरूर दी जा सकती है। और इस काम को भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी तथा राज्य के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार बाखुबी पूरा कर रही है। देहरादून में राज्य का पांचवां धाम, सैन्यधाम निर्मित किया जा रहा है। जहां राज्य के समस्त 1734 वीर शहीदों के आंगन की पवित्र माटी का वास है।
यह क्षेत्र मुझे मेरे गांव डीडीहाट की याद दिला रहा है। मुझे लग रहा है कि मैं अपने गांव में ही आया हूं, मैं उसी मोहपास में हूं। पर पूरे होशोहवास में आपसे एक फौजी का वादा है, कि अगले पांच साल में इस क्षेत्र की तस्वीर बदल देंगे। यहां के विकास के लिए मैं कमेटी बनाउंगा और उस कमेटी के सुझावों के अनुसार यहां विकास किया जाएगा। सैनिक और किसानों की अगली बार कृषि, उद्यान, आर्गनिक, ग्राम्य विकास का भी मेला होगा। इस क्षेत्र को हॉटीकल्चर के बेल्ट के तौर पर विकसित किया जाएगा। राम शरण नौटियाल द्वारा दिए गए लम्बे चौड़े मांग पत्रपर उन्हांने कहा कि इसमें कई ऐसी मांग हैं जिन्हें तत्काल पूर्ण किया जा सकता है और कई ऐसी है जिनकी तकनीकी चीजों को परीक्षण करवाना होगा। पर मुझे लगता है कि अगली बार मैं जब दोबारा आप लोगों के बीच आउंगा तो आधी से ज्यादा मांगें पूरी हो चुकी होंगी। इस मेले को राज्य मेले में शामिल करने की घोषणा करता हूं। कैबिनेट मंत्री ने घोषणा की कि कालसी से चकराता मार्ग का नाम अमर शहीद केसरी चन्द्र जी के नाम पर होगा।