सीएम का संकल्प, अस्पतालों को अपग्रेड और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का है सार्थक प्रयास।
देहरादून में चिकित्सा सुविधाओं में हो रहा विस्तार, ब्लड बैंक का निर्माण आखिरी चरण में, मैकेनिकल पार्किंग बनकर तैयार
आपातकालीन स्थिति में मैकेनिकल पार्किंग में वाहनों का सुरक्षा बीमा व टेक्निकल ऑपरेटर्स के लिए डीएम ने जिला प्लान से किया फंड स्वीकृत।
ब्लड बैंक कोरोनेशन व ऋषिकेश का कार्मिक ढांचा कल ही किया जाए शासन को प्रेषित, अभी तक क्या कर रहे थे सब जिम्मेदार -डीएम
आरबीएसके टीम द्वारा चिन्हित बच्चों की चिकित्सा सुविधा के लिए डीएम ने मौके पर दी नए वाहन की स्वीकृत।
डीएम ने की स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा, जनमन के सरकारी चिकित्सालय को सुविधायुक्त बनाने के दिए निर्देश।
देहरादून : जिलाधिकारी सविन बसंल ने मंगलवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान उन्होंने अस्पतालों में निर्माणाधीन ब्लड बैंक, आईसीयू, मैकेनिकल पार्किंग के साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, वैक्सीनेशन और जिला योजना के तहत प्रस्तावित एवं संचालित कार्याे की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की विस्तृत समीक्षा की। जिलाधिकारी ने सरकारी अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने हेतु संचालित निर्माण कार्याे को गुणवत्ता के साथ शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी जनपद के सरकारी अस्पतालों को आधुनिक सुविधाओं से आच्छादित करने में जुटे है और मा0 मुख्यमंत्री के दिशा निर्देशन से अस्पतालों को अपग्रेड और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का सार्थक प्रयास कर रहे है। देहरादून में ब्लड बैंक, मैकेनिकल पार्किंग निर्माण के साथ ही चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। डीएम ने अस्पताल में निर्मित मैकेनिकल पार्किंग में आपातकालीन स्थिति में वाहनों का सुरक्षा बीमा व टेक्निकल ऑपरेटर के लिए जिला प्लान से फंड की स्वीकृति दे दी है। एसएनसीयू ऋषिकेश व विकासनगर में डेडिकेटेड स्टाफ व मेडिकल ऑफिसर के पदों पर नियुक्ति के लिए अभी तक प्रस्ताव न भेजने पर अस्पताल प्रशासन को फटकार लागाई और ब्लड बैंक कोरोनेशन व ऋषिकेश का कार्मिक ढांचा कल ही शासन को प्रेषित करने के निर्देश दिए। जिला अस्पताल की तर्ज पर ऋषिकेश चिकित्सालय में भी मॉडल टीकाकरण कक्ष, विस्तारीकरण के साथ एयर कडीशन, सीटिंग, बच्चों के मनोरंजन सुविधा की फैसिलिटी तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। साथ ही आरबीएसके टीम द्वारा चिन्हित स्कूलों में बच्चों की चिकित्सा सुविधा के लिए डीएम ने मौके पर ही नए वाहन की स्वीकृत दी। डीएम ने कहा कि जनमन के सरकारी चिकित्सालय सुविधायुक्त होने चाहिए।
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि देहरादून कोरोनेशन और एसडीएच ऋषिकेश में ब्लड बैंक निर्माण कार्यों में तेजी लाते हुए ब्लड बैंक के लिए आवश्यक उपकरणों का प्लान तैयार कर शीघ्र शासन को उपलब्ध करें। ताकि स्वास्थ्य निदेशालय से समय पर उपकरणों की आपूर्ति हो सके।
कोरोनेशन अस्पताल में नवीन मैकेनिकल पार्किंग का सुरक्षित संचालन के लिए सीएमएस को टेंडर, इंश्योरेंस के साथ जरूरी व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए। कहा कि आपातकालीन स्थिति में वाहनों की सुरक्षा बीमा व टेक्निकल ऑपरेटर के लिए जिला प्लान से फंड दिया जाएगा।
विकासनगर व ऋषिकेश अस्पताल में संचालित एसएनसीयू (विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई) में मेडिकल ऑफिसर के रिक्त पदों पर स्थायी नियुक्ति के लिए अभी तक एनएचएम को प्रस्ताव उपलब्ध न कराने पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए एसीएमओ को फटकार लगाई। डीएम ने कहा कि एसएनसीयू में डेडिकेटेड स्टाफ होना आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिए कि एसएनसीयू में मेडिकल ऑफिसर की तैनाती के लिए तत्काल निदेशक एनएचएम को प्रस्ताव भेजें। साथ ही ऋषिकेश अस्पताल में लैब टेक्नीशियन के दो खाली पद और ब्लड बैंक में ब्लड सेपरेटर के लिए के आवश्यक स्टाफ के पद सृजन हेतु शासन को डिमांड उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि जनमानस की सुविधा के लिए विकासखंड कालसी के ग्राम पंचायत नागथात में परिवार कल्याण उपकेंद्र का संचालन आवश्यक है। जिलाधिकारी ने सीएमओ को निर्देश दिए कि नागथाम में उपकेंद्र की स्थापना एवं संचालन के लिए स्वास्थ्य सचिव से स्वीकृति ली जाए। डीएम ने कहा कि स्वास्थ्य उप केंद्र संचालन हेतु स्वास्थ्य विभाग को जिला प्रशासन की ओर से आवश्यक बजट भी उपलब्ध कराया जाएगा।
जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत मातृ स्वास्थ्य, संस्थागत प्रसव, मातृत्व मृत्यु, चाइल्ड हेल्थ, प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल, टीकाकरण, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम, फैमिली प्लानिंग आदि योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत स्कूलों में नियमित रूप से बच्चों की स्वास्थ्य जांच की जाए। जो बच्चे किसी बीमारी से ग्रसित है उनको उचित उपचार किया जाए। सभी एमओआसी इसकी स्वयं मॉनिटरिंग करें। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम द्वारा चिन्हित बच्चों को अस्पताल आने जाने की सुविधा के लिए अस्पताल की बचत से नया डेडिकेटेड वाहन खरीदा जाए। यदि फंड की आवश्यकता है तो जिला प्लान में तत्काल इसका प्रस्ताव उपलब्ध करें।
जिलाधिकारी ने शहरी क्षेत्रों में पीपीपी मोड पर संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की मौजूदा स्थिति पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को शहरी क्षेत्रों में संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति में सुधार लाने के सख्त निर्देश दिए। डीएम ने सीडीओ और ओसी क्लेक्ट्रेट को शहरी क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण करने और पीएचसी में मेडिसिन वितरण, वैक्सीनेशन, स्टाफ की उपस्थिति एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं को ठीक करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने ऋषिकेश चिकित्सालय में टीकाकरण कक्ष का विस्तारीकरण के साथ एयर कंडीशनर, लाइटिंग, सीटिंग और बच्चों के लिए मनोरंजक व सुविधाजनक बनाने के निर्देश दिए। वही चन्दन लैब को 24×7 संचालित करने तथा एसडीएम व एसीएमओ के सत्यापन उपरांत ही लैब का बिल भुगतान करने के निर्देश दिए।
जिला योजना के तहत प्रस्तावित एवं संचालित निर्माण कार्याे की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने सीएमओ को निर्देशित किया कि निर्माण कार्याे की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। कार्यदायी संस्था के साथ निर्माण कार्याे की प्रगति की नियमित समीक्षा की जाए।
इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कोरोनेशन अस्पताल में निर्माणाधीन ब्लड बैंक, मैकेनिकल पार्किंग, एसएनसीयू, वैक्सीनेशन तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संचालित योजनाओं की प्रगति के बारे में विस्तार से अवगत कराया। बताया कि कोरोनेशन अस्पताल में ब्लड बैंक का कार्य 70 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। मैकेनिकल पार्किंग का निर्माण कर लिया गया है। बताया कि जिलें में 01 एमसी, 01 डीएच, 4 एसडीएच, 05 सीएचसी, 48 पीएचसी, 14 यूपीएचसी, 190 स्वास्थ्य सब सेंटर सहित कुल 263 स्वास्थ्य इकाईयां संचालित है।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, एसडीएम हरिगिरी, एसडीएम योगेश मेहरा, सीटीओ नीतू भंडारी, सीएमओ डॉ एम के शर्मा, सीएमएस डॉ एम जोशी, एसीएमओ डॉ सीएस रावत, ईई आरडब्ल्यूडी विनीत कूरील आदि सहित एमओआईसी एवं एनएचएम के चिकित्सा अधिकारी उपस्थित थे।
कार्यालय, जिला सूचना अधिकारी, देहरादून।