पौड़ी जेल में बंद कुख्यात बदमाश नरेंद्र वाल्मीकि गैंग ने जेल से ही 10 लाख रुपये की सुपारी ली थी। इस डील के तहत नवविवाहित जोड़े की हत्या के साथ ही 4 लोगों को मौत के घाट उतारना था। डीजीपी के मुताबिक, सूचना मिली थी कि जेलों बंद अपराधी अब भी अपना क्राइम नेटवर्क चला रहे हैं। इसी के मद्देनजर एसटीएफ को विशेष टास्क दिया गया था। एसटीएफ की टीम ने जांच करने के बाद अल्मोड़ा और पौड़ी जेल से संचालित होने क्राइम नेटवर्क का पर्दाफाश किया और आपराधिक गतिविधियों पर शिकंजा कसा।
देहरादून: उत्तराखंड की जेलों में बंद अपराधी अब जेल से ही अपना नेटवर्क चला रहे हैं। अल्मोड़ा जेल में हुई STF की रेड में हुए खुलासे के बाद अब पौड़ी जेल प्रशासन पर भी सवाल उठने लगे हैं।
दरअसल, पौड़ी जेल में बंद कुख्यात बदमाश नरेंद्र वाल्मीकि गैंग ने जेल से ही 10 लाख रुपये की सुपारी ली थी। इस डील के तहत नवविवाहित जोड़े की हत्या के साथ ही 4 लोगों को मौत के घाट उतारना था। हालांकि में एसटीएफ ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन शूटर सहित सुपारी देने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। फिलहाल इस मामले में गैंग के मास्टरमाइंड पंकज और अन्य लोगों की तलाश में एसटीएफ की टीम जुटी है।
राज्य की जेलों से संचालित होने वाली आपराधिक गतिविधियों पर चिंता जताते हुए पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने इसे बेहद गंभीर मामला माना है। डीजीपी के मुताबिक, सूचना मिली थी कि जेलों बंद अपराधी अब भी अपना क्राइम नेटवर्क चला रहे हैं। इसी के मद्देनजर एसटीएफ को विशेष टास्क दिया गया था। एसटीएफ की टीम ने जांच करने के बाद अल्मोड़ा और पौड़ी जेल से संचालित होने क्राइम नेटवर्क का पर्दाफाश किया और आपराधिक गतिविधियों पर शिकंजा कसा।
डीजीपी के मुताबिक, एसटीएफ द्वारा जेलों पर की गई कार्रवाई का इंपैक्ट सकारात्मक रूप से सामने आएगा। वहीं जेल अधिकारियों को भी बेहद सतर्क रहकर जेल व्यवस्था में सुधार लाने के लिए गंभीरता से सोचना होगा। ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को जेल से रोका जा सके। ये पहला मामला नहीं है, जब जेलों से कुख्यात अपराधी अपना नेटवर्क चला रहे हैं। पहले भी हरिद्वार रुड़की जेल से ऐसे मामले सामने आए हैं। अब हाल के दिनों में पहले अल्मोड़ा और फिर पौड़ी जेल से क्राइम नेटवर्क संचालित करने का खुलासा एसटीएफ ने किया है।
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