14 हजार फीट की एक ठंडी सुबह …सैकड़ों कदमों ने रचा इतिहास
बम बम भोले की गूंज और बढ़ चले सैकड़ों पग
उत्तराखण्ड 25 साल- शीतकालीन रोमांचक पर्यटन की बाजी रणभेरी
आदि कैलाश अल्ट्रा मैराथन गुंजी, कालापानी होते हुए गुंजी में तकरीबन 60 किलोमीटर की दूरी तय करके समाप्त हुई.
पिथौरागढ़(उत्तराखंड): उत्तराखंड रजत जयंती वर्ष के मौके पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. इसी कड़ी में आज पिथौरागढ़ जिले के आदि कैलाश में अल्ट्रा मैराथन का आयोजन किया गया. आदि कैलाश अल्ट्रा मैराथन का आयोजन 14000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर माइनस 2 डिग्री तापमान के बीच किया गया. जिसमें देश दुनिया के 800 से अधिक एथलीट्स ने हिस्सा लिया. इस मैराथन की खास बात ये रही कि इसमें 20 साल से लेकर 65 साल तक के एथलीट्स ने हिस्सा लिया.
आदि कैलाश अल्ट्रा मैराथन का उद्घाटन केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राज्य मंत्री अजय टम्टा ने किया. उन्होंने कहा विश्व प्रसिद्ध आदि कैलाश पर्वत की पवित्र धरा पर आयोजित यह देश की पहली उच्च हिमालयी अल्ट्रा मैराथन (10,300 से 15,000 फीट की ऊंचाई पर) न केवल रोमांच और साहस का प्रतीक है, बल्कि स्वस्थ जीवन, युवा सशक्तिकरण और सीमांत विकास का संदेश देने वाला प्रेरणादायी अभियान भी है.

इस अनोखे आयोजन का उद्देश्य Vibrant Village Border Adventure Tourism को बढ़ावा देना और युवाओं में “Say No to Drugs” का संदेश जन-जन तक पहुंचाना है. देशभर से आए लगभग 800 प्रतिभागियों ने इस चुनौतीपूर्ण मैराथन में हिस्सा लेकर सीमांत क्षेत्र की नई पहचान बनाने में अहम भूमिका निभाई.
आदि कैलाश अल्ट्रा मैराथन गुंजी, कालापानी होते हुए गुंजी में तकरीबन 60 किलोमीटर की दूरी तय करके समाप्त हुई. इस दौरान देशभर से आये एथलीट्स का जोश देखने लायक था. आदि कैलाश अल्ट्रा मैराथन का उद्देश्य पिथौरागढ़ के सीमांत इलाकों में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देना है. साथ ही इन इलाकों में मौजूद होमस्टे की इकोनॉमी को मजबूत करने की दिशा में भी इसे बड़ी पहल माना जा रहा है.

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आदि कैलाश में पहली हाई एल्टीट्यूड अल्ट्रा रन मैराथन के सफल आयोजन पर सभी प्रतिभागियों, आयोजनकर्ताओं और स्थानीय नागरिकों को बधाई देते हुए कहा कि यह आयोजन उत्तराखंड के लिए गर्व का क्षण है. आदि कैलाश जैसे पवित्र और आध्यात्मिक धाम में आयोजित यह ऐतिहासिक अल्ट्रा रन न केवल साहस और समर्पण की मिसाल है, बल्कि यह सीमांत क्षेत्रों में साहसिक पर्यटन और खेल संस्कृति को नई दिशा देगा. राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में यह आयोजन उत्तराखंड के उज्ज्वल भविष्य और असीम संभावनाओं का प्रतीक है.

आदि कैलाश अल्ट्रा मैराथन नोडल अधिकारी उत्कर्ष ने बताया मैराथन में आने वाले लोगों के लिए खास इंतजाम किए गए थे. उन्होंने बताया आदि कैलाश में अल्ट्रा मैराथन में लगभग 22 राज्यों से आये एथलीट्स ने हिस्सा लिया. आदि कैलाश में अल्ट्रा मैराथन के बाद एथलीट्स को विशेष उपहार दिया गया. इस उपहार में भगवान आदि कैलाश की मिट्टी, वहां का पत्थर, पार्वती कुंड की और आदि कैलाश की एक खूबसूरत पेंटिंग के अलावा स्थानीय उत्पाद शामिल हैं.
एथलीट्स को परोसे गये पहाड़ी व्यंजन: आदि कैलाश अल्ट्रा मैराथन में पहुंचने वाले एथलीट्स के साथ ही दूसरे लोगों को पहाड़ी व्यंजन परोसे गये. जिलाधिकारी पिथौरागढ़ ने कहा कि इस आयोजन के सफल संचालन से आदि कैलाश क्षेत्र एवं व्यास घाटी को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने में सहायता मिलेगी. उन्होंने सेना एवं पर्यटन विभाग की सराहना की. उन्होंने कहा आदि कैलाश अल्ट्रा मैराथन एक क्षेत्र के विकास के लिए माइल स्टोन साबित होगा.

आदि कैलाश अल्ट्रा मैराथन में अधिकारी
विजेताओं को किया जाएगा पुरस्कृत: 60 किलोमीटर की ओपन दौड़ के विजेता महिला और पुरुष को दो-दो लाख रुपए का नगद पुरस्कार दिया जाएगा. पहले पांच स्थान पर रहने वाले खिलाड़ियों को 2 लाख, 1.25 लाख 75 हजार रुपए, 65 हजार रुपए, 45 हजार रुपए का नगद पुरस्कार दिया जाएगा. इसी तरह अन्य वर्गों में भी लाखों रुपए के पुरस्कार बटेंगे.
नीति माणा बॉर्डर पर भी होगी मैराथन: केदारनाथ से ऊपर यानी चीन भारत बॉर्डर पर भी इस तरह की मैराथन का आयोजन किया जाएगा. ये अल्ट्रा मैराथन नीति माणा बॉर्डर पर आयोजित होगी. ये आयोजन अगले साल मई और जून में रखा गया है. कुमाऊं के बाद गढ़वाल में ये दूसरी सबसे ऊंची चोटी पर मैराथन होने वाली है.


