‘विकसित भारत’ के लिए जिलों के विकास की रणनीति पर मंथन
देहरादून: मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में सचिव समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में सभी जिलाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कोविड संक्रमण की स्थिति पर विस्तृत जानकारी दी। मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ दृष्टिकोण पर चर्चा करते हुए कहा कि विकसित ग्राम, विकसित शहर और विकसित जनपद की अवधारणा को साकार करने के लिए सभी जिलों को दीर्घकालिक योजनाएं बनानी होंगी।
उन्होंने निर्देश दिए कि हर जनपद अगले 10 वर्षों के लिए अपने लक्ष्य तय करे और कम से कम एक स्थान को चिन्हित कर उसे वैश्विक मानकों के अनुरूप विकसित किया जाए। इसके साथ ही प्रदेश में निर्मित वस्तुओं के निर्यात को बढ़ावा देने और स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहित करने पर बल दिया गया। उन्होंने उद्योग विभाग को इसके लिए ठोस योजना तैयार करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि 21वीं सदी तकनीक आधारित युग है, इसलिए सभी सरकारी योजनाओं और सेवाओं में नई तकनीकों का अधिकतम उपयोग किया जाए ताकि योजनाओं का लाभ समय पर आमजन तक पहुंच सके। उन्होंने प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और नई तकनीकों के प्रशिक्षण को शिक्षा और कौशल विकास से जोड़ने की आवश्यकता बताई।
मुख्य सचिव ने वैदिक गणित को प्रोत्साहित करने के लिए उच्च, बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभागों को समन्वित प्रयास करने के निर्देश दिए। साथ ही प्रदेश की पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण और संरक्षण के लिए संस्कृति विभाग को डिजिटल और भौतिक दोनों स्वरूपों में कार्य करने को कहा गया। गृह और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से राज्य में स्टेट कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT) के गठन की दिशा में भी कदम बढ़ाने के निर्देश दिए गए।
बैठक में जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे अपने-अपने जनपदों के दीर्घकालिक और लैगेसी मुद्दों की पहचान कर उन्हें संबंधित विभागों को भेजें, ताकि इनका समाधान उच्च स्तर पर किया जा सके।
मुख्य सचिव ने 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान को भव्य स्तर पर आयोजित करने के निर्देश प्रमुख सचिव वन आर.के. सुधांशु को दिए।
बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, एल. फैनई, आर. मीनाक्षी सुन्दरम, शैलेश बगोली, नितेश कुमार झा, राधिका झा, दिलीप जावलकर, रविनाथ रमन, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, चंद्रेश कुमार यादव, दीपक रावत, डॉ. वी. षणमुगम, डॉ. आर. राजेश कुमार, डॉ. नीरज खैरवाल, विनय शंकर पाण्डेय, दीपेन्द्र कुमार चौधरी, विनोद कुमार सुमन, रणवीर सिंह चौहान और युगल किशोर पंत सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।