बिना सेफ्टी ऑडिट के डीएम ने नहीं चलने दिया ट्रैफिक, जनमानस की सुरक्षा सर्वाेपरि;
सीएम के निर्देश, जिला प्रशासन की सक्रियता से विगत रात्रि में ही बनकर तैयार हो गया था वैली ब्रिज
मसूरी क्षेत्र से इमरजेंसी वाले 9 डाईलिसिस, 1 हार्ट डिजीज, 1 हेडइंजरी, एआरडीएएस से पीड़ित 1 वर्ष के शिशु, 1फैक्ट्रचर मेटाकाप्ल बोन सहित 13 मरीजों को इलाज के लिए एंबुलेंस से ट्रांसशिपमेंट कराते हुए डीएम ने पहले ही देहरादून करा दिया था शिफ्ट,
सेफ्टी ऑडिट सर्टीफिकेट मिलने के बाद जिला प्रशासन ने वैली ब्रिज से शुरू कराई वाहनों की आवाजाही
देहरादून: अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त देहरादून-मसूरी रोड को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर जिला प्रशासन ने युद्धस्तर पर बहाल कर दिया। कुठालगेट के पास क्षतिग्रस्त पुल की जगह लोनिवि द्वारा मात्र दो दिनों में वैली ब्रिज तैयार किया गया। जिलाधिकारी सविन बंसल ने जन सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए बिना सेफ्टी ऑडिट के यातायात शुरू नहीं होने दिया।
एसडीएम मसूरी के नेतृत्व में एआरटीओ, क्षेत्रीय पुलिस और अधीक्षण अभियंता लोनिवि की संयुक्त टीम ने मसूरी रोड और वैली ब्रिज का विस्तृत सेफ्टी ऑडिट किया। संतोषजनक रिपोर्ट मिलने के बाद ही जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने यातायात की अनुमति दी। देर रात पुल बनने के बावजूद आवागमन रोक दिया गया ताकि जनता की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
इस दौरान मसूरी क्षेत्र से इमरजेंसी मेडिकल आवश्यकता वाले 13 मरीजों को पहले ही सुरक्षित ट्रांसशिपमेंट कर देहरादून भेजा गया। इनमें 9 डायलिसिस मरीज, एक हार्ट डिजीज, एक हेड इंजरी, एक फैक्चर केस और एआरडीएएस से पीड़ित एक वर्षीय शिशु शामिल था।

16 सितंबर की रात अतिवृष्टि से मसूरी मार्ग पर कई खतरनाक क्रोनिक जोन बन गए थे और पुल क्षतिग्रस्त हो गया था। जिला प्रशासन ने दो दिनों में वैली ब्रिज तैयार कराया और गुरुवार को सेफ्टी ऑडिट उपरांत यातायात सुचारू कर दिया।
गंभीर बीमार को एयर एंबुलेंस से पहुंचाया अस्पताल
दैवीय आपदा प्रभावित छमरौली गांव, हैली से पहुंचाए गए 300 फूड पैकेट
आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों की डीएम स्वयं कर रहे मॉनिटरिंग
देहरादून । जिला प्रशासन की टीम आपदाग्रस्त क्षेत्रों में तत्परता से राहत पहुंचाने में जुटी है। आपदा प्रभावित क्षेत्रों से भोजन, पानी, आवास और राशन की समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही है।
जिला प्रशासन द्वारा छमरौली गांव में 60 परिवारों के करीब 300 लोगों को हेलीकॉप्टर से फूड पैकेट पहुंचाए गए।

वहीं फूलेत गांव से गंभीर रूप से बीमार एक व्यक्ति को एयर एंबुलेंस की मदद से उनके परिजनों के निर्णय पर मेमोरियल अस्पताल पहुंचाया गया। जहां बीमार व्यक्ति का उपचार चल रहा है। दैवीय आपदा से प्रभावित कार्लीगाड, मजयाडा और सेरा गांव में भी जिला प्रशासन द्वारा गुरुवार को गैस सिलेंडरों की आपूर्ति के साथ सितंबर और अक्टूबर दो महीने का राशन एक साथ वितरित किया गया।
जिला प्रशासन आपदा प्रभावितों के साथ तत्परता से खड़ा है। जिलाधिकारी सविन बंसल आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्याे की निरंतर मॉनिटरिंग कर रहे है और प्रभावित लोगों तक हर संभव मदद पहुंचाई जा रही है।