देहरादून: उत्तराखंड की स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ शैलजा भट्ट ने सोमवार को कहा कि चार धाम यात्रा मार्ग पर अब तक कम से कम 39 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि मौत का कारण उच्च रक्तचाप, हृदय संबंधी समस्याएं और पर्वतीय बीमारी है। तीर्थयात्रियों, जो चिकित्सकीय रूप से अयोग्य हैं और उन्हें किसी भी तरह की शारीरिक बीमारी है, उन्हें आराम करने या यात्रा न करने की सलाह दी गई है। उत्तराखंड में चार प्रसिद्ध हिमालयी मंदिरों के लिए चार धाम यात्रा 3 मई को गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के उद्घाटन के साथ शुरू हुई। प्रसिद्ध भगवान शिव मंदिर, केदारनाथ 6 मई को खोला गया और बद्रीनाथ के कपाट 8 मई को जनता के लिए खोल दिए गए।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर चार धाम यात्रा के प्रवेश और पंजीकरण स्थल पर स्वास्थ्य जांच की सुविधा शुरू कर दी है। भट्ट ने कहा, “यमनोत्री और गंगोत्री के यात्रा मार्ग पर क्रमशः डोबटा और हिना और बद्रीनाथ धाम के तीर्थयात्रियों के लिए पांडुकेश्वर में एक स्वास्थ्य जांच शिविर स्थापित किया गया है।” किसी भी आपात स्थिति में यात्रियों को एयरलिफ्ट करने के लिए हेली एम्बुलेंस सुविधा को भी स्टैंडबाय पर रखा गया है। यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक तीन लाख से अधिक श्रद्धालु चार धाम के दर्शन कर चुके हैं। केदारनाथ के लिए प्रतिदिन तीर्थयात्रियों की संख्या 12000, बद्रीनाथ के लिए 15000, गंगोत्री के लिए 7000 और यमुनोत्री के लिए 4000 निर्धारित की गई है।
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