प्रयागराज: पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य ( Jyoti Maurya) को नोटिस जारी करके संपत्ति का ब्यौरा तलब किया गया है। उनकी प्रॉपर्टी, वाहन और खातों की जानकारी मांगी गई है। पति आलोक मौर्य के द्वारा भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद गठित जांच कमेटी ने अपनी विवेचना शुरू कर दी है। इसी कड़ी में ज्योति मौर्य को नोटिस जारी कर संपत्ति का ब्यौरा मांगा गया है। बताया जा रहा है कि कमिश्नर कार्यालय में वीडियो कैमरे की निगरानी में एसडीएम ज्योति मौर्य का बयान दर्ज किया जाएगा।
पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य ( Jyoti Maurya) के पति आलोक मौर्य ने आरोप लगाया है कि ज्योति मौर्य ने पद का दुरुपयोग कर करोड़ों का अवैध लेनदेन किया है। इस पैसे से उन्होंने कई स्थानों पर संपत्ति बनाई है और कई सेक्टर में निवेश किया है। लेनदेन के समर्थन में वह लिखापढ़ी के कागजात भी सौंपे गए हैं, जिसमें किस अधिकारी से कितना लेने का ब्यौरा अंकित किया गया था।
शासन के निर्देश पर प्रयागराज के मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत को इस प्रकरण की जांच सौंपी गई है। मंडलायुक्त ने अपर आयुक्त प्रशासन अमृतलाल बिंद, एडीएम प्रशासन हर्षदेव पांडेय और एसीएम प्रथम जयजीत कौर की कमेटी गठित कर जांच शुरू करा दी है।
प्लाट और मकान की मांगी गई जानकारी
पीसीएस (sdm) अधिकारी ( Jyoti Maurya) को नोटिस भेजकर उनसे उनकी संपत्ति का ब्योरा मांगा गया है। झलवा में उनके मकान के साथ ही प्लाट व फ्लैट की भी जानकारी मांगी गई है। नोटिस में जांच में सहयोग करने को भी कहा गया है। इसके पहले बयान दर्ज कराने के लिए दोनों को नोटिस भेजा गया है। जांच कमेटी की माने तो अगले हफ्ते दोनों के बयान दर्ज किए जा सकते हैं। कमिश्नर आफिस में दोनों का वीडियो कैमरे की निगरानी में बयान दर्ज कराया जाएगा।
आरोप साबित हुए तो ज्योति मौर्या ( Jyoti Maurya) का हो सकता है सस्पेंशन
बताया जा रहा है कि यदि पति आलोक मौर्य के लगाए गए आरोप साबित हो जाते हैं तो ज्योति मौर्य का निलंबन हो सकता है। उनके खिलाफ विभागीय जांच भी हो सकती है। ज्योति के मातहत कर्मचारी रह चुके आपूर्ति निरीक्षक और मार्केटिंग इंस्पेक्टर से भी पूछताछ हो सकती है।
ज्योति मौर्य कौशांबी के चायल तहसील में 2019 से 2021 के बीच तैनात रही हैं। उनकी कथित डायरी में इस दौरान भ्रष्टाचार से मिलने वाले रुपयों का हिसाब-किताब लिखा है। यदि अक्तूबर 2021 की बात की जाए तो केवल एक महीने में ज्योति मौर्य ने 6.4 लाख रुपये अवैध रूप से कमाए हैं। इसमें यह भी लिखा है कि हर महीने 15 हजार रुपए सप्लाई इंस्पेक्टर और 16 हजार मार्केटिंग इंस्पेक्टर देते हैं। हर पेज पर हर महीने भ्रष्टाचार का हिसाब-किताब, कहां से कितना रुपया मिला, कहां खर्च किया सब दर्ज है । अब यह डायरी जांच का विषय बन गई है।
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