दिल्ली: चांद की सतह पर लैंडिंग के बाद ही चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर का काम शुरू हो गया था। इसी कड़ी में बड़ा अपडेट सामने आया है। चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर में लगे एक पेलोड ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ऑक्सीजन की मौजूदगी की पुष्टि की है। खुद इसरो ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है। इतना ही नहीं इसके अलावा सल्फर की भी मौजूदगी की पुष्टि की गई है। हालांकि यह जरूर कहा गया है कि अभी हाइड्रोजन की खोज जारी है।
हाइड्रोजन की खोज जारी
इसरो ने ट्विटर पर लिखा है कि यथास्थान वैज्ञानिक प्रयोग जारी हैं। रोवर पर लगा लेजर गाइडेड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (एलआईबीएस) उपकरण पहली बार इन-सीटू माप के माध्यम से, दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्र सतह में सल्फर (एस) की उपस्थिति की स्पष्ट रूप से पुष्टि करता है। इसरो ने यह भी बताया कि जैसा कि अपेक्षित था, Al, Ca, Fe, Cr, Ti, Mn, Si और O का भी पता चला है। हालांकि हाइड्रोजन (एच) की खोज जारी है।
Chandrayaan-3 Mission:
In-situ scientific experiments continue …..
Laser-Induced Breakdown Spectroscope (LIBS) instrument onboard the Rover unambiguously confirms the presence of Sulphur (S) in the lunar surface near the south pole, through first-ever in-situ measurements.… pic.twitter.com/vDQmByWcSL
— ISRO (@isro) August 29, 2023
इससे पहले इसरो ने चांद की सतह के तापमान से जुड़ा एक ग्राफ रविवार को जारी किया था। इसरो के मुताबिक चंद्र सर्फेस थर्मो फिजिकल एक्सपेरिमेंट ने चंद्रमा की सतह के थर्मल बिहेवियर को समझने के लिए, दक्षिणी ध्रुव के आसपास चंद्रमा की ऊपरी मिट्टी का तापमान प्रोफाइल किया। इसके माध्यम से दक्षिणी ध्रुव के चारों ओर चंद्रमा की ऊपरी मिट्टी के तापमान प्रालेख को मापा गया था। एक्सपर्ट्स का कहना था कि हम मानते थे कि सतह पर तापमान 20 डिग्री सेंटीग्रेड से 30 डिग्री सेंटीग्रेड के आसपास हो सकता है, लेकिन यह 70 डिग्री सेंटीग्रेड है। यह आश्चर्यजनक रूप से अपेक्षा से अधिक है।
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