Thursday, November 21, 2024
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Homeस्वास्थ्यडेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव के अहम निर्देश

डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव के अहम निर्देश

देहरादून: स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने देश व प्रदेशवासियों को उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्वतंत्रता दिवस की शुभकामाएं दी। स्वास्थ्य सचिव ने राज्य की जनता की कुशल स्वास्थ्य की कामना करते कहा कि जैसे कि हम सभी देख रहे हैं कि आजकल डेंगू, आईफ्लू, और टॉइफाइड जैसी बीमारियां तेजी से आम आदमी को प्रभावित कर रही हैं। कभी-कभी हमारी लापरवाही के कारण यह समस्या बढ़ जाती हैं। इसलिए हम सभी को सतर्क रहने की आवश्यकता है। उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग इन सभी चुनौतियों से निपटने में सक्षम है। स्वास्थ्य सचिव ने आम जनमानस से अपील करते हुए कहा कि जागरूकता से हर बीमारी पर विजय पाई जा सकती है। उन्होंने प्रदेशवासियों से आग्रह करते हुए कहा कि मौसमी बीमारियों जैसे डेंगू, आईफ्लू, और टॉइफाइड से आप खुद की और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए आवश्यक सावधानियों का पालन करें। बरसात के मौसम में पानी जमने नहीं दें क्योंकि यह बीमारियों के फैलने का कारण बन सकता है।
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड की ओर से 15 अगस्त को विशेष रूप से सम्पूर्ण प्रदेश में फोगिंग की प्रक्रिया का आयोजन किया जायेगा। फोगिंग बीमारियों के प्रसार को रोकने में मदद करेगी। स्वास्थ्य सचिव ने बढ़ते डेंगू मरीजों को देखते हुए प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी करते हुए कहा कि सभी अपने-अपने जिलों में भी फोगिंग प्रक्रिया करें। स्वास्थ्य सचिव ने आम जनमानस से अपील करते हुए कहा कि आपका स्वास्थ्य और सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। कृपया सभी सुरक्षित रहें और सावधानियों का पालन करें। हम सभी मिलकर इन बीमारियों को पराजित कर सकते हैं।

डेंगू रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण को जिलाधिकारियों को लिखा पत्र
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों को डेंगू रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए पत्र लिखा है। अपने पत्र में स्वास्थ्य सचिव ने स्पष्ट किया हे कि वर्षा ऋतु के आगमन के साथ ही डेंगू रोग के प्रसारण की संभावना बढ़ जाती है। वर्तमान में राज्य के जनपद देहरादून, हरिद्वार, नैनिताल एवं पौड़ी गढ़वाल से डेंगू रोगी रिपोर्ट हुये हैं। इसी क्रम में आगामी माहों में डेंगू रोग को महामारी का रूप लेने से रोकने के लिये निम्न कार्यवाहियां की जानी अनिवार्य है।

1. जनपदों के समस्त राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों में डेंगू रोगियों को चिकित्सकीय परामर्श पर भर्ती किये जाने हेतु बेड आरक्षित रखें जायें जिसे आवश्यकता पड़ने पर बढ़ायें जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।

2. समस्त राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों में डेंगू नोडल अधिकारी नामित किये जायें तथा उनके द्वारा चिकित्सालयों में डेंगू रोगियों के चिकित्सकीय प्रबंधन की व्यवस्थाओं को सुचारू व दुरूस्त रखा जाये।

3. चिकित्सालयों में डेंगू रोगी की सुविधा के लिये जगह-जगह फ्लेक्स बोर्ड के माध्यम से ओ०पी०डी० कक्ष संख्या, जांच सुविधा, औषधि केंद्र एवं डेंगू वार्ड की सम्पूर्ण जानकारी दर्शायी जाये।

4. डेंगू पीडित गम्भीर रोगियों हेतु ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स की उपलब्धता बढाने हेतु समस्त कार्यवाही सुनिश्चित की जायें जिससे आवश्यकता पडने पर प्लेटलेट्स की कमी ना होने पाये।

5. अपर जिलाधिकारी तथा उप जिलाधिकारियों द्वारा डेंगू रोग का उपचार प्रदान कर रहे समस्त चिकित्सालयों में डेंगू रोग के समुचित प्रबंधन की व्यवस्था की निरन्तर समीक्षा किये जाने हेतु भ्रमण किया जाना सुनिश्चित किया जाये।

6. समस्त राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों डेंगू लक्षणों से ग्रसित एवं पुष्टिकृत डेंगू रोगियों की दैनिक सूचना से सम्बन्धित मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के डेंगू अनुभाग को नियमित रूप से भेजी जाये। अतः उपरोक्तानुसार समयबद्ध कार्यवाही कर कृत कार्यवाही से अधोहस्ताक्षरी को अवगत कराना सुनिश्चित करें।

यह भी पढ़े: http://देश के विभाजन के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता: मुख्यमंत्री

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