कुरुक्षेत्र: हरियाणा के कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग की ओर से राज्य स्तरीय सांस्कृतिक उत्सव ‘रत्नावली’ का आज से आगाज हुआ है. रत्नावली का आयोजन 25 से 28 अक्टूबर तक किया जा रहा है. हरियाणा की सांस्कृतिक पहचान रत्नावली समारोह में 34 हरियाणवी विधाओं में 3000 से ज्यादा छात्र कलाकार हिस्सा लें रहे हैं. राज्य स्तरीय रत्नावली समारोह के उद्घाटन अवसर पर एनआईटी कुरुक्षेत्र के निदेशक डॉ.बी सी रमन्ना रेड्डी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. चार दिवसीय रत्नावली कार्यक्रम में हरियाणा के राज्यपाल, मुख्यमंत्री ,केंद्रीय मंत्री सहित राज्य मंत्री भी शामिल होंगे.
3 हजार कलाकार बिखेरेंगे कला: कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक डॉ.विवेक चावला ने बताया कि चार दिवसीय रत्नावली समारोह में 34 हरियाणवी विधाओं में 3000 से ज्यादा कलाकार हिस्सा लें रहे हैं. रत्नावली को देखने के लिए लोग दूर-दूर से पहुंच रहे हैं. रत्नावली को देखने वाले दर्शकों का कहना है कि इस समारोह में एक जगह हरियाणवी परिवेश के दर्शन होते हैं. इस उत्सव में हरियाणा की संस्कृति के विभिन्न रंग देखने को मिल रहे हैं. रत्नावली में आकर उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है.
संस्कृति बरकरार रखने का प्रयास: उन्होंने कहा कि हरियाणा में जितने भी कॉलेज और विश्वविद्यालय हैं. सभी के छात्र यहां पर अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. हमारी हरियाणा की क्या संस्कृति होती थी. खाने से लेकर पहनावा रखरखाव सब चीजों को यहां पर दर्शाया गया है. यहां पर प्रदर्शनी के लिए 50 के करीब हॉट भी लगाई गई है. जहां पर विद्यार्थियों के द्वारा बनाए गए सामान की प्रदर्शनी लगाई गई है. इस कार्यक्रम के जरिए युवाओं को हरियाणा की संस्कृति से रूबरू कराने का मुख्य उद्देश्य रहता है और हमारी संस्कृति ऐसे ही बरकरार रहे, उसके लिए भी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का प्रयास रहता है.
कलाकार करते हैं प्रदर्शन: रत्नावली के मंच पर हरियाणा की प्रसिद्ध लोक संस्कृति व हरियाणा की लोक कला एवं समृद्ध संस्कृति को दर्शाने के लिए कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं. यहां पर सॉन्ग ,रागनी, हरियाणवी डांस, हरियाणवी चुटकुले, सामाजिक मुद्दों पर हरियाणवी नाटक सहित 34 विद्याएं रखी गई है. इस बार मुख्य सांस्कृतिक आकर्षण हरियाणवी फैशन शो, हरियाणा हस्तशिल्प प्रदर्शनी, हरियाणवी देसी खानपान, स्वदेशी कौशल प्रदर्शनी, रत्नावली सांग प्रदर्शन, हरियाणवी गायन शैली प्रस्तुतिकरण, लूर, खोडिया धमाल, फागण चौरसिया नृत्य होगा.