चंडीगढ़: चंडीगढ़ में नगर निगम की वित्त एवं संविदा समिति (एफएंडसीसी) की बैठक हुई. बैठक में फैसला लिया गया कि सेक्टर-24 के पार्क में जॉगिंग ट्रैक बनाया जाएगा. इसके अलावा, कई अन्य एजेंडों को भी मंजूरी दी गई है. जिसे बनाने के लिए करीब 10.31 लाख रुपये की लागत आएगी. मेयर कुलदीप कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में आयुक्त अमित कुमार, आईएएस और समिति के अन्य सदस्य जसविंदर कौर, महेशिंदर सिंह सिद्धू, लखबीर सिंह, तरुणा मेहता और एमसीसी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.
चंडीगढ़ में ऑटो रिक्शा स्टैंड: इसके अलावा, केंद्र शासित प्रदेश में ऑटो रिक्शा को अपने यात्रियों को लेने या छोड़ने के लिए सड़क पर कहीं भी रुकने की अनुमति नहीं दी जाएगी. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर, चंडीगढ़ प्रशासन मध्य मार्ग पर कुछ ऐसे स्थान बनाए जाएंगे. जहां से लोग ऑटो में बैठेंगे और उतरेंगे. जिस रूट पर यह नई परियोजना सबसे पहले लागू की जाएगी, वह ट्रांसपोर्ट चौक से पीजीआई चौक तक होगा. यूटी प्रशासन की इंजीनियरिंग विंग ने इस संबंध में एक टेंडर भी जारी किया है.
शहर में चल रहे हजारों ऑटो: वहीं, प्रशासन के चीफ इंजीनियर विभाग के अधिकारी ने बताया कि यह पायलट प्रोजेक्ट मध्य मार्ग पर शुरू किया जाएगा. मध्य मार्ग शहर का मुख्य यातायात मार्ग पर बनाया जाएगा. क्योंकि यहां वाहनों का भारी आवागमन होता है. इसलिए यह इस पायलट प्रोजेक्ट के लिए पहली पसंद है. शहर की सड़कों पर दस हजार से ज्यादा ऑटो चल रहे हैं और पंजाब-हरियाणा से आने वाले ऑटो को सही जगह पर स्थापित करना एक समस्या बन गया है.
जल्द की जाएगी व्यवस्था: तो वहीं, यूटी इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों ने सड़क सुरक्षा समिति की बैठकों में कई बार ऑटो रिक्शा के लोगों को चढ़ाने और उतारने के लिए कहीं भी रुकने का मुद्दा उठाया है. जिससे अक्सर गंभीर दुर्घटनाएं हो जाती हैं. पायलट आधार पर, हमने मध्य मार्ग पर पार्क पॉइंट बनाने के बारे में सोचा है. केवल इन जगहों पर ही ऑटो को यात्रियों को चढ़ाने या उतारने के लिए रुकने की अनुमति दी जाएगी. ऑटो रिक्शा के अचानक रुकने की वजह से कई दुर्घटनाएं होने की खबरें आई है. अकेले इस क्षेत्र में 12 पिकअप पॉइंट होंगे. इंजीनियरिंग विंग की ओर से जारी टेंडर में कहा गया है कि यह काम दो महीने में पूरा कर लिया जाएगा. इस पर करीब 13.15 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं.