नई दिल्ली। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय की तरफ से आज देश को एक बड़ी सौगात मिली है। देश में हाइड्रोजन (Hydrogen) से चलने वाली पहली बस को केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri ) की तरफ से हरी झंडी दिखाई गई है। शुरुआत में सिर्फ दो बसों को ट्रायल के तौर पर लॉन्च किया गया है। ये हाइड्रोजन बसें (Hydrogen Buses) 3 लाख किलोमीटर का सफर तय करेंगी। इसका मतलब है हाइड्रोजन से चलने वाली ये बसें (Hydrogen Buses) एक बार में करीब 300 किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय कर पाएंगी।
फिलहाल ये हाइड्रोजन बसें (Hydrogen Buses) दिल्ली में चलाई जा रही हैं, इनके तीन लाख किलोमीटर का सफर पूरा करने बाद देश में और भी हाइड्रोजन बसें शुरू करने का प्लान तैयार किया गया है
पॉल्यूशन से राहत
जाहिर है पेट्रोल-डीजल गाड़ियों की वजह से प्रदूषण में लगातार इजाफा हो रहा है। इसे रोकने की पहल में देश में हाइड्रोजन से चलने वाली पहली बसों (Hydrogen Buses) की शुरुआत की गई है। इस बीच इलेक्ट्रिक गाड़ियों, इथेनॉल और दूसरे ऑप्शनल फ्यूल पर चलने वाले व्हीकल्स पर भी फोकस किया जा रहा है।
असल में ग्रीन हाइड्रोजन को रिन्यूवल एनर्जी सोर्स से तैयार किया जाता है। इसके तैयार होने और इस्तेमाल होने में पॉल्यूशन कम होता है, इसीलिए इसे लो-कार्बन फ्यूल के तौर पर जाना जाता है। भारत आने वाले बीस सालों में दुनियाभर की 25 प्रतिशत एनर्जी की डिमांड करने वाला देश बन जाएगा। ऑप्शनल फ्यूल के इस्तेमाल के बाद हमारा देश आने वाले समय में ग्रीन हाइड्रोजन के एक्सपोर्ट में सबसे आगे होगा।
इतना ही नहीं साल 2050 तक ग्लोबल हाइड्रोजन की डिमांड चार से सात गुना बढ़ सकती है। इसके अलावा घरेलू ग्रीन हाइड्रोजन की मांग 28 मीट्रिक टन तक जाने की उम्मीद है।