नई दिल्ली: साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले पक्ष और विपक्ष के बीच सियासी माहौल गरमाया हुआ है। पहले मोदी सरकार के एक देश एक चुनाव फिर उसके बाद भारत और इंडिया के नाम पर विपक्षी नेताओं का पारा चढ़ा हुआ है। वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार के इन फैसलों पर विपक्ष शोर मचाए हुए है। केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच भारत और इंडिया के नाम को लेकर सियासी युद्ध छिड़ा हुआ है। 9 और 10 सितंबर को राजधानी दिल्ली के मंडपम में शुरू हुए जी-20 समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडिया के स्थान पर भारत लगी हुई नेम प्लेट के सामने बैठे हुए दिखाई दिए। जिसके बाद देश में राजनीति और तेज हो गई है। ये पहला मौका है जब किसी इंटरनेशनल इवेंट में प्रधानमंत्री की सीट के सामने देश का नाम INDIA नहीं लिखा गया है। पिछली G20 बैठक इंडोनेशिया के बाली में 14 से 16 नवंबर को हुई थी। तब पीएम मोदी के आगे देश का नाम इंडिया ही लिखा था।
नाम को लेकर पूरे देश भर में बहस का दौर शुरू हो गया है। एक तरफ देश के नाम को इंडिया बताया जा रहा है तो दूसरी तरफ भारत। विपक्ष इस पर आपत्ति जता रहा है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि 28 पार्टियों ने मिलकर एक गठबंधन बनाया। हमने अपने गठबंधन दल का नाम जब से इंडिया रखा है तब से मोदी सरकार परेशान है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने INDIA की जगह इसे घमंडिया गठबंधन का नाम दिया। वहीं विपक्ष ने पलटवार करते हुए कहा था कि, भाजपा को INDIA नाम लेने से इतनी दिक्कत क्यों है। नाम बदलने का यह विवाद 9 सितंबर से 10 सितंबर के बीच हुआ है जब G-20 देश की बैठक के दौरान भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के गणमान्य लोगों को एक निमंत्रण पत्र भेजा। जहां इस पत्र के अंदर प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा हुआ था जिसके बाद से ही विपक्ष नाम को लेकर सरकार की ओर राजनीतिक तीर छोड़ने लगे हैं, इस बीच विदेश मंत्रालय ने भी पीएम मोदी के इंडोनेशिया दौरे पर प्राइम मिनिस्टर ऑफ भारत लिख दिया जिसके बाद विपक्ष आग बबूला हो चुका है। प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे के कार्यक्रम से जुड़ा एक कार्ड भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने सोशल मीडिया पर शेयर किया।