Tuesday, June 24, 2025
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स्वास्थ्य विभाग में दूसरे दिन 51 चिकित्सकों के तबादले

डॉ. रश्मि पंत बनीं प्रभारी निदेशक एनएचएम

कार्यक्षमता, पारदर्शिता और जनहित को दी गई प्राथमिकता :- डॉ. आर. राजेश कुमार

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में एक बार फिर बड़े स्तर पर चिकित्सकों के स्थानांतरण आदेश जारी किए हैं। विभाग में दूसरे दिन 51 चिकित्सकों के तबादले किए गए हैं। साथ ही डॉ. रश्मि पंत को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की प्रभारी निदेशक नियुक्त किया गया है। यह कार्यवाही उत्तराखण्ड लोक सेवकों के लिए वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम, 2017 के अंतर्गत की गई है। स्थानांतरण की यह प्रक्रिया शासन स्तर पर गठित स्थानांतरण समिति की संस्तुति और विभागीय समीक्षा के आधार पर की गई, जिसमें समूह-क के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों (पीएमएचएस संवर्ग) को शामिल किया गया है।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया चिकित्सकों के स्थानांतरण में पारदर्शिता, सेवा संतुलन और राज्यभर में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्तापूर्ण उपलब्धता को ध्यान में रखा गया है। हमारा प्रयास है कि दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में भी विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपस्थिति सुनिश्चित हो, ताकि वहां की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। उन्होंने यह भी कहा कि स्थानांतरण केवल प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि मानव संसाधन प्रबंधन का रणनीतिक हिस्सा है। जो चिकित्सक लंबे समय से एक ही स्थान पर कार्यरत थे, उन्हें अब ऐसे क्षेत्रों में भेजा गया है जहां उनकी सेवाओं की तत्काल आवश्यकता है। कुछ चिकित्सकों को उनकी विशेषज्ञता के अनुरूप स्थानों पर नियुक्त किया गया है ताकि अधिकतम स्वास्थ्य लाभ सुनिश्चित हो सके।

तबादलों की सूची में जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) और राजकीय मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत विशेषज्ञ चिकित्सक व जनरल फिजिशियन शामिल हैं। कई चिकित्सकों ने स्वयं स्थानांतरण हेतु आवेदन किया था, जिन्हें उनकी प्राथमिकता के अनुसार स्थान आवंटित किया गया है। वहीं कुछ स्थानांतरण सेवा अवधि और विभागीय आवश्यकता के अनुसार सुनिश्चित किए गए हैं। सभी तबादले तत्काल प्रभाव से लागू माने जाएंगे।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा तबादलों की संपूर्ण सूची शीघ्र ही विभागीय पोर्टल पर सार्वजनिक की जाएगी, ताकि चिकित्सकों और संस्थानों को समय से तैनाती सुनिश्चित करने में सुविधा रहे और किसी भी भ्रम की स्थिति से बचा जा सके।

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