देहरादून: मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अंतर्गत लाभार्थियों से मुलाकात की। मुख्य सचिव ने पीएम स्वनिधि के लाभार्थियों से योजना के सम्बन्ध में चर्चा की एवं उनके अनुभवों की जानकारी ली। उन्होंने लाभार्थियों से योजना में सुधार किए जाने हेतु सुझाव भी मांगे।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आवेदकों के वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को प्रत्येक स्तर पर सरल और छोटा किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विशेषकर पीएम स्वनिधि की दूसरी किश्त के लिए आवेदन कर रहे आवेदकों को पुनः नगर निगम के चक्कर ना लगाने पड़ें, इसके लिए व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। मुख्य सचिव ने पीएम स्वनिधि के आवेदन के लिए लाइसेंस की अनिवार्यता को समाप्त किए जाने और लाइसेंसिंग के लिए लिए जाने वाले शुल्क को कम से कम किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नगर निगम द्वारा वेंडर्स को दिए जाने वाला लाइसेंस, जो अभी तक 1 वर्ष हेतु दिया जाता है, को 5 वर्ष के लिए दिया जाए ताकि ठेली और फेरी वालों को हर साल लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए नगर निगमों के चक्कर न काटने पड़ें।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को ऐसे बैंकों से भी बात करने को कहा जो दूसरी किश्त को देने में लापरवाही कर रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को बैंकों की ब्रांच वाइज डिटेल्स भी तैयार करने के निर्देश दिए ताकि यह पता चल सके कौन से बैंक इसमें लापरवाही बरत रहे हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि इस योजना का लाभ सही मायने में तभी हो सकेगा जब आवेदकों को उनके डोर स्टेप पर सभी सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी, क्योंकि इसके लिए यदि किसी को आवेदन करने से लेकर पेमेंट होने तक 4 दिन की मजदूरी भी खराब हो जाए तो उसके लिए बहुत बड़ा नुकसान होगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इसके लिए आवेदन करने वालों को नगर निगम न बुलाया जाए बल्कि उनके कार्यस्थलों में ही आवेदन जमा करने से लेकर वेरिफिकेशन आदि की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने अभियान चलाकर इस योजना में अधिक से अधिक लोगों को जोड़े जाने के भी निर्देश दिए।