Thursday, March 13, 2025
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माता पिता को सताने वाले बच्चे होंगे सम्पति से बेदखल, हरिद्वार कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

देहरादून: माता पिता के जीवन मे जब औलाद आती है तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहता है। मां बाप अपने बच्चे और उसके लालन-पालन के लिए अपना सब कुछ अर्पण कर देते हैं। उसको एक योग्य और सफल इंसान बनाने का प्रयास करते हैं। मगर जब उनका बच्चा बड़ा होता है वह यह सारी चीजें भूल जाता है और अपने ही मां-बाप पर जुल्म ढहाने लगता है। मां बाप की संपत्ति से बेदखल करना चाहता है। उनके साथ रहते हुए भी उनकी कोई सेवा नहीं करता है। मगर अब ऐसी औलादों को सावधान हो जाना चाहिए क्योंकि अगर वे नहीं सुधरे तो उनको माता पिता की संपत्ति से बेदखल किया जा सकता है।

छह बुजुर्गों ने दायर की थी याचिका
अपनी औलाद से पीड़ित 6 बुजुर्गों ने हरिद्वार एसडीएम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। याचिका में उन्होंने अपने बच्चों से उत्पीड़न और उनकी संपत्ति उन्हें वापस दिलाने की गुहार लगाई जिस पर हरिद्वार एसडीएम कोर्ट ने बुधवार को अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सभी छह बुजुर्गों के बच्चों को माता-पिता की संपत्ति से बेदखल करते हुए एक महीने के अंदर संपत्ति को खाली करने के आदेश दिए है। आदेश में बच्चों द्वारा कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर पुलिस को आवश्यक कार्रवाई करने के लिए भी कहा गया है। आपको बता दे की माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण और कल्याण अधिनियम के तहत कोई भी व्यक्ति एसडीएम कोर्ट में अपने बच्चों के खिलाफ वाद दायर कर सकता है। अधिनियम की धारा के तहत एसडीएम की ओर से सुनवाई के बाद बच्चों को उनकी संपत्ति से बेदखल किया जा सकता है और संपत्ति खाली नहीं किये जाने पर पुलिस द्वारा खाली करवाया जा सकता है।

बुजुर्गों को न्याय दिलाना मकसद
एसडीएम पूरण सिंह राणा ने बताया कि उनकी कोर्ट में कुछ ऐसे मामले भी चल रहे हैं जिसमें माता-पिता की संपत्ति को धोखे से बच्चों ने अपने नाम कर लिया है और बुजुर्गों को परेशान किया जा रहा है। ऐसे मामलों की भी सुनवाई अंतिम दौर में है। उन्होंने बताया कि ऐसे मामलों में माता-पिता से ट्रांसफर की गई जमीन को शून्य किया जा सकता है और सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट द्वारा निर्णय सुनाया जाएगा। एसडीएम पूरन सिंह राणा का कहना है कि हमारे सीनियर सिटीजन बुजुर्ग माता-पिता के अधिकारों की रक्षा करने में एक अधिनियम बहुत महत्वपूर्ण है और इसके माध्यम से बुजुर्गों को न्याय मिलता है।

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