Saturday, March 15, 2025
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निकाय चुनाव जनवरी में,आरक्षण नियमावली जारी

निकायों में ओबीसी आरक्षण नियमावली

देहरादून: शासन ने नगर निकाय सामान्य निर्वाचन 2024 कब तहत नगर पालिका एवं नगर निगम आरक्षण नियमावली 2024 जारी कर दी है। राज्य के 102 नगर निकायों में ओबीसी आरक्षण नियमावली जारी होने के बाद जनवरी में चुनाव सम्पन्न होने की उम्मीद जग गई है।

गुरुवार को ही शासन ने निकायों में ओबीसी आरक्षण को लेकर नियमावली जारी की है।सम्बंधित जिलों के डीएम आरक्षण की अधिसूचना पर सुझाव व आपत्ति मांगेंगे। इस कवायद के पूरी होने के बाद जनवरी में निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी की जाएगी।

एकल सदस्य समर्पित आयोग की रिपोर्ट के अनुसार नगर निगम में मेयर, नगर पालिका अध्यक्ष और नगर पंचायतों में अध्यक्ष के पदों पर बदलाव किया गया है। ग्यारह नगर निगमों में अनुसूचित जाति के लिए एक पद एवं सामान्य वर्ग के लिए आठ और ओबीसी के लिए दो पद निर्धारित किए गए। जबकि 45 नगर पालिका में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए छह पद, अनुसूचित जन जाति वर्ग के लिए एक पद, सामान्य वर्ग के लिए 25 और ओबीसी वर्ग के लिए 13 पद निर्धारित किए गए हैं। 46 नगर पंचायतों में छह पद अनुसूचित जाति, एक पद अनुसूचित जनजाति, सामान्य वर्ग के लिए 24 पद और 15 पद ओबीसी के लिए निर्धारित किए गए हैं।

ओबीसी वर्ग को मिलेगा अधिक मौका
आयोग की संस्तुतियों पर आरक्षण तय किया गया तो नगर निकायों की राजनीति में ओबीसी समाज का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा, जो उत्तराखंड की सामाजिक और राजनीतिक स्थिति को नई दिशा देने में सक्षम हो सकता है। भाजपा सरकार का यह कदम आगामी नगर निकाय चुनाव में काफी अहम भूमिका भी निभाएगा, जहां विभिन्न वर्गों के हितों को संतुलित करने की भरसक कोशिश की जा रही है। राजभवन से अध्यादेश पास होने के बाद एकल सदस्य समर्पित आयोग की रिपोर्ट पर आगे बढ़ेगी सरकार। रिपोर्ट में ओबीसी को नगर निगम में दो सीटें, नगर पालिका में 13 और नगर पंचायत में 15 सीटों की संस्तुति।

नगर पालिका और पंचायतों में कितना हुआ बदलाव
नगर पालिकाओं में सामान्य वर्ग के अध्यक्ष पद की संख्या 22 से बढ़ाकर 25 कर दी गई है, जबकि ओबीसी के पदों की संख्या 12 से बढ़कर 13 हो गई। नगर पंचायतों में अध्यक्ष के 45 पदों में से सामान्य वर्ग के पदों की संख्या 23 से बढ़ कर 24 हो गई है, जबकि ओबीसी के पदों की संख्या 16 से घटकर 15 हो गई है। इस प्रक्रिया में यह सुनिश्चित किया गया कि ओबीसी आबादी के अनुपात में उनको उचित प्रतिनिधित्व मिल सके।

आबादी के आधार पर आरक्षण की संस्तुति

इस बदलाव का आधार 2011 की जनगणना और ओबीसी सर्वेक्षण से प्राप्त आंकड़े हैं। नए आंकड़ों के अनुसार, 11 नगर निगम में ओबीसी की आबादी 18.05 प्रतिशत से घटकर 17.52 प्रतिशत हो गई है, जबकि नगर पालिका में ओबीसी की आबादी 28.10 प्रतिशत से बढ़कर 28.78 प्रतिशत हो गई है। नगर पंचायतों में ओबीसी की आबादी 38.97 प्रतिशत से घटकर 38.83 प्रतिशत रह गई है। इस आधार पर आरक्षण की संस्तुति की गई है।
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