Monday, June 23, 2025
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हरियाणा में कृषि भूमि को पट्टे पर देने की मान्यता के लिए विधेयक पारित

हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन कृषि भूमि को पट्टे पर देने की मान्यता के लिए एक तंत्र प्रदान करने हेतु, कृषि भूमि को पट्टे पर देने की अनुमति देने, उसे सुगम बनाने, भूमि स्वामियों के अधिकारों को संरक्षित करने हेतु और उससे संबंधित या उसके आनुषंगिक मामलों के लिए उपबंध करने हेतु हरियाणा कृषि भूमि पट्टा विधेयक, 2024 पारित किया गया।

कृषि भूमि को पट्टे पर देने के लिए प्रक्रिया तथा औपचारिक मान्यता देने, कृषि भूमि को पट्टे पर देने की अनुज्ञा देने तथा सुकर बनाने हेतु, निष्पक्षता सुनिश्चित करने तथा उसके द्वारा कृषि दक्षता को सुधारने हेतु, पट्टे पर कृषि भूमि की जुताई करने वाले किसानों को मान्यता देने, जो क्रेडिट सस्थाओं, बीमा, आपदा राहत तथा भू-स्वामियों के स्वामित्व अधिकारों को संरक्षित करते समय सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई गई अन्य सहायक सेवाओं के माध्यम से ऋण के लिए उन्हें समर्थ बनाने हेतु तथा उससे संबंधित और उससे आनुषंगिक मामलों के लिए उपबन्ध करने हेतु विधेयक है। कृषि भूमि, भू-स्वामी द्वारा पट्टे पर दी जाती है। इस आंशका के कारण कि पट्टेदार कब्जा अधिकारों की मांग कर सकता है, पट्टाकर्ता अक्सर सामान्यता: प्रति वर्ष पट्टेदार बदल देता है या उसे बंजर रख देता है, जिससे कृषि उत्पादन को हानि होती है।

उपरोक्त वर्णित तथ्यों के कारण, पट्टाकर्ता अपनी भूमि को लिखित रूप में पट्टे पर देने में संकोच करता है और पट्टेदार के साथ अलिखित समझौते को प्राथमिकता देता है। इसके परिणामस्वरूप, पट्टेदार प्राकृतिक आपदा के समय केंद्र अथवा राज्य सरकार से मिलने वाली किसी राहत राशि को पाने से वंचित कर दिया जाता है तथा फसल ऋण लेने में अक्षम है।  भूमि संसाधनों के अधिकतम उपयोग करने तथा पट्टाकर्ता व पट्टेदार दोनों के हितों की रक्षा करने हेतु, पट्टा-राशि पर भूमि देने की कानूनी व्यवस्था आवश्यक प्रतीत होती है।

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