वाराणसी: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण को रोकने से इनकार कर दिया। यह तब आया जब अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाकर मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण पर रोक लगाने का निर्देश देने की मांग की, जो वाराणसी में प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर से सटा हुआ है। वरिष्ठ अधिवक्ता हुज़ेफ़ा अहमदी ने भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया और वाराणसी सिविल कोर्ट के समक्ष लंबित मामले में यथास्थिति का आदेश देने के लिए कहा। हालांकि, पीठ ने मामले में यथास्थिति देने से इनकार करते हुए कहा कि उसे इस बात की जानकारी नहीं है कि मामला क्या है, क्योंकि उसने कागजात नहीं देखे हैं। सीजेआई ने कहा “हमने कागजात नहीं देखे हैं। हम यह भी नहीं जानते कि मामला क्या है। मुझे कुछ भी नहीं पता … मैं आदेश कैसे पारित कर सकता हूं। मैं पढ़ूंगा और फिर आदेश दूंगा … मुझे देखने दो,”।
ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे का काम शुरू हो चुका है और सर्वे टीम ने 5 में से 2 कमरों के सर्वे का काम पूरा कर लिया है और तीसरे कमरे का सर्वे का काम चल रहा है। सर्वे की टीम सुबह 8 बजकर 16 मिनट पर मस्जिद परिसर में पहुंच गई थी और उसने काम शुरू कर दिया था। सर्वे का काम शांतिपूर्ण रूप से हो रहा है। पुलिस प्रशासन भी सचेत है। जिन दो कमरों का सर्वे का काम पूरा हो गया उनमें क्या मिला और अभी तक क्या हुआ जानते हैं सिलसिलेवार घटनाक्रम। सबसे पहले सर्वे की टीम सुबह 8 बजकर 16 मिनट पर मस्जिद परिसर में पहुंची। इस टीम के साथ कैमरे भी साथ थे। सर्वे की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी हो रही है। इस टीम में 52 लोग हैं। वाराणसी के डीएम और पुलिस कमिश्नर भी साथ मौजूद हैं। फिर टीम तहखाने की तरफ बढ़ी। तहखाना जंजीरों और तालों से जड़ा हुआ था तो ऐसे में साफ नहीं हो पाया है कि इसके ताले को तोड़ा गया या फिर चाबियों से खोला गया है। तहखाना इतना गंदा पड़ा हुआ था कि इसमें घुसा नहीं जा सकता था तो पहले इसकी साफ सफाई कराई गई।
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