देहरादून: उत्तराखंड को पहली महिला मुख्य सचिव मिलने जा रही है। कल तक लग रही चर्चाओं पर विराम लगाते हुए धामी सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी राधा रतूड़ी को मुख्य सचिव बनने के लिए हामी भर दी है। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी 1988 बैच की आईएएस अधिकारी है। उत्तराखंड में मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू का कार्यकाल 31 जनवरी को खत्म हो रहा है। डॉ. संधू को पूर्व में सेवानिवृत्ति के बाद 6 महीने का कार्यकाल सेवा विस्तार दिया गया था।
केंद्र में प्रतिनयुक्ति में कार्यरत 1988 बैच के डॉ एसएस संधू ने बीते वर्ष उत्तराखंड मुख्य सचिव का पदभार संभाला था। साल भर इस पद पर काम करने के बाद उनके फिर से केंद्र में प्रति नियुक्ति पर जाने की चर्चाएं भी तेज हो गई थी। डॉ संधू को सेवा विस्तार देने की एक प्रमुख वजह बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण की परियोजनाओं परियोजनाएं हैं।
दोनों परियोजनाओं को प्रधानमंत्री कार्यालय की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में माना जाता है। इन दोनों परियोजनाओं की प्रगति को लेकर पीएमओ सीधे मुख्य सचिव से रिपोर्ट लेता है। अभी यह दोनों परियोजनाएं पूरी नहीं हुई है इसलिए अफसरशाही में यह अटकलें भी लगाई जा रही थी कि डॉ. संधू को एक बार फिर से सेवा विस्तार दिया जा सकता है।
वहीं लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भी उन्हें मुख्य सचिव बनाए रखने की संभावनाएं जताई जा रही थी। आज इन सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए धामी सरकार ने अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को मुख्य सचिव बनने के लिए हामी भर दी है।
डॉ संधू के बाद राधा रतूड़ी ही सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं। 1988 बैच की आईएएस राधा रतूड़ी मुख्यमंत्री धामी की पसंदीदा अफसर में से एक मानी जाती हैं। धामी सरकार को उत्तराखंड में पहली महिला मुख्य सचिव बनने का श्रेय भी मिलने जा रहा है।
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