देहरादून: प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को नए साल में तगड़ा झटका लग सकता है। ऊर्जा निगम की ओर से वार्षिक विद्युत टैरिफ में 23 से 27 प्रतिशत तक वृद्धि की तैयारी है। इसके प्रस्ताव को ऊर्जा निगम की बोर्ड बैठक में मंजूरी मिल चुकी है। जल्द ही प्रस्ताव उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग को भेज दिया जाएगा। इसके बाद आयोग इस प्रस्ताव का अध्ययन कर जनसुनवाई के बाद कोई निर्णय लेगा। आगामी एक अप्रैल तक प्रदेश में बिजली के नए दाम लागू कर दिए जाएंगे।
उत्तराखंड के करीब 27 लाख उपभोक्ताओं को अगले साल बिजली का बिल झटका दे सकता है। ऊर्जा निगम ने आगामी वित्तीय वर्ष के लिए नए विद्युत टैरिफ का प्रस्ताव लगभग तैयार कर लिया है। शनिवार को निगम की अध्यक्ष अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में ऊर्जा निगम की बोर्ड बैठक हुई। जिसमें नए वार्षिक विद्युत टैरिफ समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान बोर्ड ने आगामी वित्तीय वर्ष में 23 से 27 प्रतिशत तक के बिजली दर बढ़ोतरी के प्रस्ताव को सहमति प्रदान की। इस बढ़ोतरी के पीछे निर्धारित से अधिक दामों पर बाजार से बिजली खरीद कर निर्धारित कर से अधिक खर्च के साथ ही उत्तर प्रदेश से बंटवारे में मिली प्रतिभूतियों का करीब 3900 करोड़ खर्च शामिल है।
आगामी 23 दिसंबर तक यह प्रस्ताव नियामक आयोग को भेज दिया जाएगा। प्रस्ताव प्राप्त होने के बाद आयोग की ओर से इसका अध्ययन कर जनसुनवाई की जाएगी और सभी हित धारकों का पक्ष जानने के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा। बता दें कि इस साल नियामक आयोग ने दरों में 9.68 प्रतिशत और पिछले वित्तीय वर्ष में 2.68 प्रतिशत बढ़ोतरी की थी।
इस वर्ष दिल्ली ने 30 प्रतिशत और झारखंड ने 44 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव दिया है। उत्तराखंड में 23 से 27 फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्ताव बनाया गया है। राष्ट्रीय स्तर पर महंगी बिजली खरीद और उपभोक्ता सुविधाओं में किए जा रहे प्रयासों के चलते उत्तराखंड में भी बिजली आपूर्ति के लिए विद्युत टैरिफ में वृद्धि की तैयारी है। अभी प्रस्ताव पर कार्य किया जा रहा है, उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए जल्द ही उचित प्रस्ताव नियामक आयोग को भेजा जाएगा।
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